Bhopal : युवक को हथिनी ने कुचलकर मार डाला

Update: 2024-06-13 12:27 GMT
Bhopal भोपाल : भोपाल के छोला मंदिर स्थित भानपुर ब्रिज के पास बुधवार रात एक हथिनी ने अपनी ही टोली के साथी को कुचलकर मार डाला। युवक 18 लोगों की टोली के साथ बुधवार को ही भोपाल आया था। रात को सभी लोग भानपुर ब्रिज के पास विश्राम कर रहे थे। देर रात एक व्यक्ति की नींद खुली तो देखा तो उसका साथी हथिनी के पास मृत हालत में पड़ा हुआ है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए भेजा। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद लाश साथियों को सौंप दी गई, जिसे लेकर वे सतना के लिए रवाना हो गए। पुलिस के मुताबिक नरेंद्र कपाडिय़ा (36) मूलतः ग्राम सलैया, थाना नागौद जिला सतना का रहने वाला था। वह अपने साथियों के साथ हथिनी (ननकी) को लेकर अलग-अलग स्थानों पर घूमकर भिक्षा मांगने का काम करता था। पूरी टोली बुधवार को ही भोपाल पहुंची थी। दिनभर घूमने के बाद शाम के समय यह टोली भानपुर स्थित ब्रिज के पास पहुंची और मल्टी के सामने ठहर गई। रात को सभी लोगों ने भोजन बनाया और खाया। उसके बाद 9 बजे के आसपास सभी लोग सो गए। महावत प्रमोद पाल हथिनी की गद्दी पर सोया था, जबकि बाकी लोग अलग-अलग सो रहे थे।
नरेंद्र कपाड़िया हथिनी के कुछ नजदीक सो रहा है।
रात साढ़े ग्यारह बजे मृत मिला नरेंद्र
नरेंद्र के फूफा भूपेंद्र कुमार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे अचानक नींद खुली तो देखा कि अंधेरे में कोई साथी हथिनी के काफी नजदीक लेटा है। उधर हथिनी भी चिंघाड़ रही थी।बताया जाता है कि हथिनी ने सूंड से उठाकर युवका को पहले पटका है, बाद में पैर से कुचल दिया। भूपेंद्र ने आवाज लगाकर उसे दूर होने का बोला, लेकिन वह नहीं हटा। उसके बाद भूपेंद्र मोबाइल की टार्च जलाकर नजदीक पहुंचे तो देखा कि उनका भतीजा नरेंद्र कपाडिय़ा हथिनी के पास मृत हालत में पड़ा हुआ था। उसकी नाक और कान से खून निकला था और हाथ पर भी चोट थी। भूपेंद्र ने सभी साथियों को उठाया और घटना की जानकारी दी। तब तक मल्टी के गार्ड ने डायल 100 को सूचना दे दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव बरामद कर पीएम के लिए मर्चुरी भेज दिया। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद लाश साथियों को सौंप दी गई, जिसे लेकर वह सतना के लिए रवाना हो गए। घटना के समय टोली के साथी आसपास ही सो रहे थे, लेकिन किसी ने घटना होते नहीं देखी। उन्होंने बताया कि महावत की अनुमति से ही कोई व्यक्ति हाथी के पास जा सकता है। महावत प्रमोद गहरी नींद में था, उस वक्त नरेंद्र नजदीक पहुंचा होगा, जिससे हथिनी को खतरा महसूस हुआ होगा और उसने पैरों से उसे कुचल दिया होगा। महावत जाग रहा होता तो इस प्रकार की कोई घटना नहीं होती।
भूपेंद्र ने बताया कि हाथी लेकर अलग-अलग इलाकों में घूमना और भिक्षा मांगना उनका खानदानी पेशा है। वह कई साल से यह काम कर रहे हैं। हथिनी ननकी को लेकर वह दो साल से घूम रहे हैं, लेकिन उसने कभी किसी पर हमला नहीं किया। एक मुस्लिम व्यक्ति ने ननकी की देखभाल के लिए उन्हें दिया था, वह व्यक्ति ननकी के लिए हर महीने खर्चा भी देता है। उसके भोजन-पानी और आराम की पूरी व्यवस्था भूपेंद्र ही देखते हैं। टोली में शामिल सभी लोग आपस में नाते-रिश्तेदार हैं। मृतक नरेंद्र के परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटी और दो बेटे हैं।
वन विभाग से अनुमति, हथिनी को थाने लाई पुलिस
वन विभाग ननकी नाम की हथिनी को प्रदेश में भ्रमण की अनुमति दी है। यह अनुमति एक मुस्लिम परिवार ने ली थी। हथिनी उन्हीं की है, बाद में उन्होंने सतना के लोगों को दे दिया था। पुलिस ने युवक की मौत के बाद हथिनी को एक देखभाल करने वाले के साथ थाने लाई है। हथिनी को थाने के पास स्थित पीपल के पेड़ में बांधा गया है। अब पुलिस वन विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर रही है कि हथिनी को उन्हीं लोगों को सौंप दिया जाए या वन विभाग इसे ले जाएगा। हालांकि वन विभाग का कहना है कि हथिनी की जिसके पास रखने की अनुमति है, वही उसकी देखभाल करेगा।
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