MPPSC भर्ती परीक्षा में 27 फ़ीसदी OBC आरक्षण पर रोक, हाई कोर्ट का निर्देश जारी

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण पर पेंच लगातार बरकरार है.

Update: 2022-02-16 18:12 GMT

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण पर पेंच लगातार बरकरार है. आज एक नई याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने MPPSC भर्ती प्रक्रिया में 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ 14 फीसदी आरक्षण ही जारी रहेगा. दरअसल यह याचिका एमपीपीएससी 2019 की छात्रा निहारिका त्रिपाठी की तरफ से दायर की गई थी. छात्रा ने हाल ही में जारी हुए MPPSC 2019 के परीक्षा परिणामों के बाद भर्ती प्रक्रिया में भी 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण देने के प्रक्रिया को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ता की तरफ से सुनवाई के दौरान तर्क दिया गया की एमपीपीएससी (MPPSC) भर्ती प्रक्रिया में अलग-अलग वर्गों को दिया जा रहा आरक्षण का कुल प्रतिशत 63 फ़ीसदी होता है.


यानी कि एमपीपीएससी 2019 मैंस के रिजल्ट में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग को 63 फ़ीसदी रिजर्वेशन (Reservation) दिया जा रहा है. पहले से ही कई मामलों पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 27 फ़ीसदी OBC आरक्षण पर रोक लगाई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के कई न्याय दृष्टांत भी यह कहते हैं कि किसी भी हालत में आरक्षण का प्रतिशत 50 फ़ीसदी से अधिक नहीं हो सकता. मामले की सुनवाई कर रही मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) की चीफ जस्टिस आर वी मलिमथ की डिवीजन बेंच ने नोटिस जारी करते हुए यह निर्देश दिए हैं की एमपीपीएससी 2019 भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी वर्ग को सिर्फ 14 फ़ीसदी आरक्षण ही दिया जाए.


एमपीपीएससी से मांगा जवाब
कोर्ट ने सरकार और एमपीपीएससी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण के तौर पर जवाब मांगा है कि आखिर किस आधार पर अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में 27 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ दिया जा रहा था. इस यात्रा को भी हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण संबंधी अन्य याचिकाओं के साथ तलब किया है. वहीं मामले में अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी. बता दें कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर पहले से ही रोक जारी है. आज हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरक्षण पर रोक को बरकरार रखा है.


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