भोपाल: अब स्नातक डिग्री प्रोग्राम के किसी भी कोर्स में बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) की डिग्री दी जा सकेगी. नई शिक्षा नीति के तहत यूजीसी की ओर से गठित की गई कमेटी ने आर्ट्स सहित कई अन्य विषयों में बीएस की डिग्री देने की सिफारिश की है. छात्रों को यह डिग्री अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप दी जाएगी. इसमें साइंस, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, आर्ट्स, ह्यूूमेनिटीज, सोशल साइंस, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मैनेजमेंट और कॉमर्स आदि में डिग्री को बीएस का नाम दिया जा सकता है. यूजीसी ने डिग्री नामकरण की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की है. इसी उच्चस्तरीय समिति की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पारंपरिक डिग्री के नाम पर नए डिग्री के नाम की सिफारिश का ड्रॉफ्ट विश्वविद्यालयों को भेज दिया है. विश्वविद्यालयों को पांच जुलाई तक इस ड्राफ्ट पर अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करना होगी. लेटर प्राप्त होने के बाद बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी ने भी इस पर मंथन शुरू कर दिया है.
इन कोर्स में नए नाम से डिग्री की सिफारिश: यूजीसी अब नए-नए नामों से डिग्री देगा. इसके तहत छात्र साइंस, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, आर्ट्स, ह्यूमेनिटीज, सोशल साइंस, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मैनेजमेंट और कॉमर्स आदि कोर्स में बीएस डिग्री पा सकेंगे. अभी तक यूजीसी की ओर से विवि को कला, मानविकी और सामाजिक विज्ञान में कला स्नातक की डिग्री प्रदान करने की अनुमति मिली थी. जबकि बीएससी की डिग्री आमतौर पर विज्ञान विषयों के लिए होती है. विश्वविद्यालय कला, मानविकी, प्रबंधन और वाणिज्य जैसे विषयों के लिए भी एक और दो वर्षीय स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) नामकरण को अपना सकते हैं.
एनसीआरएफ के आधार पर ड्रॉफ्ट तैयार: एनईपी 2020 की सिफारिश और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क एंड करिकुलम (एनसीआरएफ) के आधार पर इसे तैयार किया है. इसमें छात्रों को स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम में मल्टीपल एंट्री-एग्जिट की सुविधा मिलेगी. यूजीसी के चेयरमैन प्रो. एम जगदीश के अनुसार छात्रों को पढ़ाई से प्राप्त क्रेडिट के आधार पर सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर डिप्लोमा व स्नातकोत्तर डिग्री मिलेगी.