जयपुर. राज्य में खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का विकास करने और खेल प्रतिभाओं को सम्मान देने में संकल्पित सरकार की ओर से एक और बड़ा निर्णय लिया गया है. अब महाराणा प्रताप पुरस्कार और गुरू वशिष्ठ पुरस्कार विजेताओं को 5-5 लाख रुपए पुरस्कार राशि से सम्मानित किया (Guru Vashisth Award prize money increased) जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के प्रोत्साहन में पुरस्कार राशि बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान की है. एक वित्तीय वर्ष में 5 गुरू वशिष्ठ पुरस्कार और 5 महाराणा प्रताप पुरस्कार दिए जाएंगे. अभी तक इन पुरस्कारों में विजेताओं को 1-1 लाख रुपए की राशि से सम्मानित किया जाता रहा है.
सवाई मानसिंह स्टेडियम में लोकार्पण समारोह की थी घोषणा: बता दें कि सीएम गहलोत ने गत 29 मई को सवाई मानसिंह स्टेडियम में लोकार्पण और खिलाड़ी सम्मान समारोह के दौरान पुरस्कार राशि बढ़ाने की घोषणा की थी. गौरतलब है कि वर्ष 2014 में महाराणा प्रताप एवं गुरू वशिष्ठ पुरस्कार की राशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए की गई थी. गहलोत के अहम फैसले से पुरस्कार राशि में अब पांच गुना बढ़ोतरी हो गई है.
अभी तक 210 खिलाड़ियों को मिले पुरस्कार: गुरू वशिष्ठ पुरस्कार की शुरूआत वर्ष 1985-86 में की गई थी और अब तक कुल 40 उत्कृष्ट खेल प्रशिक्षकों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है. इसी प्रकार महाराणा प्रताप पुरस्कार की शुरूआत वर्ष 1982-83 में की गई थी और इससे अब तक कुल 170 उत्कृष्ट खिलाडियों को सम्मानित किया जा चुका है. ये पुरस्कार राज्य के सर्वोत्तम खेल पुरस्कार हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले चयनित खिलाडियों एवं प्रशिक्षकों को प्रदान किया जाता है.
ओलंपिक, एशियाई व राष्ट्रमंडल खेलों में बढ़ चुकी है पुरस्कार राशि: मुख्यमंत्री ने प्रदेश में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए इनामी राशि बढ़ाई थी. इसमें स्वर्ण पदक विजेता को 75 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए, रजत विजेता को 50 लाख से 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को 30 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए राशि की गई. इसी तरह एशियाई और राष्ट्रमण्डल खेलों में स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीतने पर दी जाने वाली राशि को 30, 20 एवं 10 लाख रुपए की राशि को बढ़ाकर क्रमशः 1 करोड़, 60 लाख एवं 30 लाख रुपए की जा चुकी है. गहलोत सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में पदक विजेता खिलाडियों को आउट-ऑफ-टर्न पॉलिसी के आधार पर राजकीय सेवाओं में नियुक्तियां देने का भी निर्णय लिया गया. इसमें अभी तक 229 खिलाडियों को विभिन्न विभागों में नियुक्तियां दी जा चुकी हैं.