रॉक का गजब बैलेंस: भूकंप भी नहीं हिला सका इन चट्टानों को, जानें कहां दिखता है ऐसा नजारा

पुरातत्वविद बताते हैं कि ये चट्टानें मैग्मा के जमने से निर्मित हुई होंगी.

Update: 2021-10-30 06:59 GMT

जबलपुर: मध्य प्रदेश का जबलपुर शहर अपने आप में कई रहस्यों को समेट हुए है. यहां नर्मदा नदी का सबसे विहंगम नाज़रा देखने को मिलता है तो धरती की सबसे पुरानी चट्टानें भी पाई जाती हैं. जरा संभलकर...कहीं चट्टान गिर ना जाए...ये नजारा है मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर का...जबलपुर की मदन महल की पहाड़ियों में स्थित ये नजारा जो भी देखता है वो दांतों तले अंगुली दबा लेता है.

अब इसे प्रकृति का चमत्कार ही कहेंगे कि हजारों सालों से ये दो चट्टाने आपस में इस तरह जुड़ी हुई है कि इन्हें भूकंप भी नहीं हिला सका. इन दोनों चट्टानों के बैलेंस देखकर ही इन्हें बैलेंस रॉक नाम दिया है. प्रकृति की इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक दौड़े चले आते हैं. आखिरकार ऐसा क्या है इन चट्टानों के बीच... जो इन्हें हजारों सालों से जोड़कर रखे हुए हैं. जबलपुर में यह पत्थर हजारों साल से ऐसे ही हैं.
पुरातत्वविद बताते हैं कि ये चट्टानें मैग्मा के जमने से निर्मित हुई होंगी. विज्ञान के भाषा में इसे ग्रेनाइट बॉक्स भी कहा जाता है. जबलपुर में धरती की सबसे पुरानी ग्रेनाइट चट्टान मौजूद है.
जियोलॉजिस्ट प्रो. डी के देवलिया कहते हैं कि इन दोनों चट्टानों को केंद्रीय गुरुत्वाकर्षण बल जोड़कर रखा हुआ है जो इन्हें गिरने नहीं देता. ये बल इतना जबरदस्त है कि जबलपुर में 1997 आए 6.3 की तीव्रता का भूकंप भी इन चट्टानों का कुछ नहीं बिगाड़ सका. 
Tags:    

Similar News