केंद्रीय कृषि मंत्री के दखल के बाद कृषि विश्वविद्यालय खुलने का रास्ता हुआ साफ
इंदौर न्यूज़: प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने गत दिनों पहले दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर से मुलाकात कर इंदौर में कृषि विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव सौपा था, जिसे स्वीकार कर केंद्रीय कृषि मंत्री में इसकी मंजूरी देने की बात कहीं थी.
इंदौर में कृषि विश्वविद्यालय बनने से सबसे ज्यादा मालवा-निमाड़ के विद्यार्थियों और किसानों को फायदा होगा. किसानों को उन्नत खेती के लिए मार्गदर्शन मिलेगा. विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई के लिए जबलपुर और ग्वालियर नहीं जाना पड़ेगा. अभी कॉलेज में 14 सालों में एक भी पद नहीं भरा गया है. 25 से अधिक पद खाली हैं. इनके सहित अन्य विषयों के लिए नियुक्ति होगी.
विवि बनने से शिक्षा, रिसर्च, तकनीकी क्षेत्र में क्रांति आएगी:
शिक्षा : कृषि विश्विद्यालय बनने से शिक्षा प्रणाली में बदलाव होंगे. विद्यार्थियों को पीएचडी के साथ डॉक्टरेड की उपाधि मिल सकेगी. कृषि वैज्ञानिक तैयार होंगे. अपने स्तर पर शिक्षण सत्र के संचालन के अधिकार मिलेंगे. अभी पोस्ट ग्रेजुएट की सुविधा है. मांग अनुसार अधिनस्थ क्षेत्र में सेटेलाइट कृषि कॉलेज संचालित कर सकेंगे. मालवा-निमाड़ के विद्यार्थियों को कृषि संबंधित उच्च शिक्षा की सुविधा मिलेगी. कृषि मैनेजमेंट की पढ़ाई भी हो सकेगी. प्रोसेसिंग संबंधित काम भी होंगे.
रिसर्च : मालवा-निमाड़ की कृषि समस्याओं के निराकरण के लिए प्राथमिकता से रिसर्च होंगे. राष्ट्रीय स्तर के रिसर्च भी होंगे. राष्ट्रीय परियोजनाओं पर काम होगा. आधुनिक किसान पाठशाला में आधुनिक कृषि की जानकारी मिलेगी. विद्याथियों के शिक्षण से संबंधित रिसर्च में मदद मिलेगी. क्षेत्रिय फसलों को बढ़ावा देने के लिए जिलों में रिसर्च सेंटर भी स्थापित हो सकेंगे.
तकनीकी : आधुनिक कृषि अभियांत्रिकी के साथ ही टेक्नोलॉजी से जुड़ी सभी सुविधाओं का अध्ययन हो सकेगा. आधुनिक कृषि उपकरणों के बारे में विद्यार्थी और किसान जान सकेंगे. कृषि समस्याओं का सरलता से निराकरण होगा. ड्रोन से खेतों में दवाई का स्प्रे करने जैसे कई नवाचार होंगे.
यह रहेगी प्रक्रिया: विवि बनने की अनुशंसाओं को स्वीकृति के लिए मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद शासन स्तर की प्रक्रियाएं होंगी. विधानसभा सत्र में इस पर चर्चा होगी. इसका विधेयक पारित होने पर गजट नोटिफिकेशन सहित अन्य प्रक्रियाओं के बाद विवि का दर्जा मिलता है. यह सौगात जनप्रतिनिधियों की पहल से ही मूर्तरूप लेगी.
इंदौर में कृषि विश्वविद्यालय खुलने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. मंत्रालय स्तर से प्रक्रिया शुरू हो गई है. नए सत्र से विश्वविद्यालय का शिक्षण सत्र शुरू होने की पूरी उम्मीद है. - शरद चौधरी, डीन, कृषि कॉलेज इंदौर