चुनावों से पहले ओंकारेश्वर में 'प्रकट' होंगे आदि शंकराचार्य, रात-दिन चल रहा है काम

Update: 2023-09-06 09:27 GMT
खंडवा जिले की तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर के ओंकार पर्वत पर आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापना का काम तेजी से किया जा रहा है। इंदौर संभाग सहित भोपाल संभाग के वरिष्ठ अधिकारी यहां हो रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण भी कर रहे हैं। इंजीनियरों से भी प्रतिमा स्थापना की अंतिम तिथि पर चर्चा की जा रही है। इसी माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में आ सकते हैं। इस वजह से प्रतिमा स्थापना का काम सितंबर माह के पहले सप्ताह तक पूरा करने के निर्देश इंजीनियरों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को ट्विटर पर कहा कि मध्यप्रदेश के लिए ये ऐतिहासिक क्षण हैं।आदि शंकराचार्य जी की अलौकिक प्रतिमा अपने भव्य स्वरूप में प्रकट होने जा रही है। 'शंकरावतरण' सनातन संस्कृति के सतत् जागरण का प्रतीक है। ओंकारेश्वर में 'एकात्म धाम' विश्व बंधुत्व एवं एकात्मता के लोकव्यापीकरण की वैश्विक प्रेरणा बनेगा...
  ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण को तेजी दे दी गई है। - फोटो : अमर उजाला
108 फीट ऊंची प्रतिमा
यहां 54 फीट ऊंचे आधार स्तंभ पर आदि शंकराचार्य की अष्टधातु से बनी 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जा रही है। विधानसभा चुनावों की घोषणा अक्टूबर में होने वाली है। उसे देखते हुए सरकार की कोशिश है कि इसी महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का लोकार्पण कर दें। इसके मद्देनजर 30 लोगों की टीम 24 घंटे दिन-रात प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुट गई है। खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का काम बहुत ही तेजी से चल रहा है। हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का खंडवा आने का कार्यक्रम बन रहा है। पूर्व में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेक सौगात हमारे खंडवा संसदीय क्षेत्र को दी है। उनके आने से और बड़ी सौगातें जिले को मिल सकती हैं।
 
ओंकारेश्वर में प्रतिमा निर्माण के काम में तेजी दे दी गई है। - फोटो : अमर उजाला
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और नर्मदा की ओर रहेगा मूर्ति का मुख
प्रतिमा का मुख दक्षिण दिशा में यानी ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और नर्मदा नदी की ओर रहेगा। प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत ने 11 साल के शंकराचार्य का दुर्लभ चित्र तैयार किया है। प्रधानमंत्री मोदी सितंबर में ही दूसरे चरण में 700 करोड़ रुपये की लागत से बने संग्रहालय, पार्किंग तथा सूचना केंद्र का भूमिपूजन भी करेंगे।
ऐसा होगा 2000 करोड़ रुपये का 'एकात्म धाम'
ओंकार पर्वत को काटकर 28 एकड़ जमीन पर एकात्म धाम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा होगी। 54 फीट का आधार स्तंभ तैयार किया गया है।लगभग दो हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट शेष हिस्सों का काम दिसंबर 2024 तक पूरा होगा। आदि गुरु शंकराचार्य ने भारत की तीन बार परिक्रमा की। उन्होंने दुनिया को अद्वैत वेदांत का सिद्धांत दिया। इस 'एकात्म धाम' में आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन दर्शन को बताने वाला संग्रहालय, अद्वैत वेदांत सिद्धांत के अध्ययन के लिए संस्थान भी होगा। आदि शंकराचार्य की प्रतिमा को 'स्टैच्यू ऑफ वननेस' नाम दिया गया है। यहां प्रशिक्षण एवं सूचना केंद्र, अभय घाट, संन्यास और गुफा मंदिर सहित 35 हजार पेड़ों का वन विहार भी होगा। अन्नपूर्णा मंदिर, पंचायत मंदिर के साथ ओम स्तंभ, कला, प्रदर्शनी जैसी अद्भुत रचनाओं का विस्तार किया जाएगा।
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