मध्य प्रदेश में लक्ष्य के मुताबिक कंपनी रोजगार दिला नहीं पाई और फीस वसूली 4 करोड़: जीतू पटवारी

Update: 2023-03-22 07:09 GMT

भोपाल न्यूज: मध्य प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए सरकार ने एक निजी कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी थी, मगर यह कंपनी तय लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंची और चार करोड़ से ज्यादा का भुगतान भी पा गई। यह खुलासा हुआ है विधानसभा में दिए गए एक जवाब से। कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी विधानसभा में राज्य में बेरोजगारों के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों को लेकर सवाल पूछा। सरकार की ओर से आए जवाब में कहा गया है कि यशस्वी अकैडमी फॉर टैलेंट मैनेजमेंट महाराष्ट्र की कंपनी केा 2018 में युवाओं को रोजगार देने हेतु 15 जिला रोजगार कार्यालय का कार्य संचालन और बेरोजगारों को रोजगार देना था। इस कंपनी हर साल 35 हजार युवाओं को रोजगार देने का टारगेट दिया गया था, परंतु एक अक्टूबर 2020 से मार्च 21 मात्र छह माह में कंपनी को 25000 बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का टारगेट अनुबंध अनुसार दिया गया था, जिसमें कंपनी द्वारा 11680 युवाओं को रोजगार देना बताया गया, परंतु जब जांच की गई तो पता चला मात्र 4421 युवाओं को ही रोजगार मिला है।

पटवारी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार ने जो जवाब दिया है उसमें बताया गया है कि अगले वित्तीय वर्ष एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक 32,848 बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का टारगेट रखा गया था परंतु कंपनी इस एक वित्तीय वर्ष में एक भी बेरोजगार युवा को रोजगार नहीं दे पाई। दो साल में कंपनी ने मात्र 4421 युवाओं को रोजगार दिया जिसके एवज में सरकार से चार करोड़ 17 लाख 75 हजार रुपए फीस के बतौर कंपनी को भुगतान किया। इस तरह प्रति बेरोजगार को रोजगार दिलाने के नाम पर 9450 रुपए फीस के बराबर कंपनी ने सरकार से चार्ज किए। वही 4421 बेरोजगार युवाओं को अधिकांश को 7 हजार से 10 हजार प्रति माह की नौकरी देना कंपनी ने बताया है।

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