सागर: मध्य प्रदेश के सागर जिले की ग्राम पंचायत बाछलोन मुर्गा में 80 साल की बुजुर्ग महिला को गांव का निर्विरोध सरपंच चुना गया है. बुजुर्ग महिला झोपड़ी में रहती हैं. उनका कहना है कि वे इसी झोपड़ी में रहकर गांव वालों की सेवा करेंगी. 20 साल पहले पति का निधन हो गया था. इनकी कोई संतान भी नहीं है. गांव के स्कूल में मध्याह्न भोजन की व्यवस्था संभालती हैं. बच्चों की देखरेख करती हैं. गांव की सरपंच सीट महिला अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. गांव में एक अन्य आदिवासी महिला दावेदार ने अपना नाम वापस ले लिया था.
ग्रामीणों के अनुसार, सरपंच बनीं रामरानी चढ़ार के पति का करीब 20 साल पहले निधन हो गया था. वे गांव वालों के हर सुख-दुख में शामिल होती हैं. रहली जनपद की ग्राम पंचायत बाछलोन-मुर्गा की सरपंच सीट महिला अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. चुनाव से पहले सरपंच पद के लिए कई दावेदार सामने आए. गांव की आदिवासी महिला राधा ने सरपंच पद के लिए दावेदारी की. इसी बीच 80 साल की दादी रामरानी आदिवासी का नाम सामने आया, जिसके बाद सरपंच पद की दावेदारी कर रहीं राधा ने समर्थन देते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.
ग्रामीणों ने एकमत होकर रामरानी को निर्विरोध सरपंच बनाने का निर्णय लिया. इसके बाद ग्राम पंचायत के 9 वार्डों में निर्विरोध पंचों का चुनाव किया गया. निर्विरोध सरपंच चुनी गईं रामरानी चढ़ार ने कहा कि हमारी ग्राम पंचायत बाछलोन में किसी बात की कमी नहीं रहेगी. हमारी उम्र 80 साल है, हम गांव की सेवा करते हैं, स्कूल की सेवा करते हैं. हम झोपड़ी में रहते हैं. सरपंच बनने के बाद हमें अच्छा लग रहा है और इसी में रहकर गांव वालों की सेवा करेंगे.