आरजीपीवी के एनर्जी डिपार्टर्मेंट में 5 छात्रों को पढ़ाने के लिए 6 फैकल्टी
भोपाल न्यूज़: उन यूनिवर्सिटी के बारे में तो सुना होगा, जहां फैकल्टी की कमी के कारण कोर्स बंद हो चुके हैं. लेकिन राजधानी की एक यूनिवर्सिटी में कई कोर्स में छात्र से ज्यादा फैकल्टी की संख्या है. साथ ही संसाधनों की भी कोई कमी नहीं है.
प्रदेश की एक मात्र टेक्निकल यूनिवर्सिटी, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय यहां टीचिंग डिपार्टमेंट (यूटीडी) के कई कोर्स 5 से 6 स्टूडेंट्स के भरोसे हैं. इसके वेतन, छात्रों की परीक्षा, इंस्ट्रूमेंट, विभाग के रखरखाब आदि पर हर साल करोड़ रुपए खर्च होते हैं.
इन कोर्स में कम छात्र
आरजीपीवी के नैनो टेक्नोलॉजी में मात्र 10 छात्र हैं, इनको पढ़ाने के लिए करीब 5 टीचर हैं. एनर्जी डिपार्टर्मेंट में मात्र 5 छात्र हैं, 6 फैकल्टी हैं. फार्मेसी की स्थिति भी कुछ ऐसी ही हैं. वहीं बीयू के बीएम टेक में भी मात्र एक छात्र है. जिसे पढ़ाने और एग्जाम आदि पर विवि लाखों रुपए खर्च करता है.
इधर आरजीपीवी ने हिन्दी में इंजीनियरिंग के लिए 50% छात्र की शर्त लागू की है. छात्र हिंदी में पढऩे की इच्छा जताते हैं, तो 50 प्रतिशत संख्या होने पर ही उन्हें हिंदी में पढऩे की मंजूरी दी जाएगी. पिछले दिनों कुलपति प्रो. सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई कायपरिषद में यह निर्णय लिया गया था.
छात्र संख्या बढ़ाने के लिए उस अनुपात में फैकल्टी होना भी जरूरी है. फैकल्टी के लिए पदों की बढ़ाना होगी. यह गर्मेंट यूनिवर्सिटी है. हम अपने हिसाब से नियुक्ति नहीं कर सकते.
दीप्ति जैन, एमओडी, फार्मेसी डिपार्टमेंट