इंदौर न्यूज़: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ( पीएमजीकेवाइ) में 2.81 लाख क्विंटल राशन के वितरण में गड़बड़ी सामने आई है. इसकी कीमत 100 करोड़ है. अब केंद्र ने राज्य सरकारों से हिसाब मांगा है. इस पर नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के प्रबंध संचालक तरुण कुमार पिथोड़े ने दुकान संचालकों से वसूली के आदेश जारी किए हैं.
कारोनाकाल के बाद दुकानों से बिना सत्यापन लोगों को राशन बांटे गए. इसमें गड़बड़ी की आशंका है. केंद्र ने पंजी से मैन्युअल व्यवस्था वितरण अमान्य की. नान अफसरों ने कोविड के दौरान मैन्युअल वितरण के आदेश का पक्ष रखा, लेकिन केंद्र ने इससे इनकार कर अप्रेल से नवंबर के बीच मैन्युअल वितरण को अमान्य कर दिया.
दुकानदारों के कमीशन से वसूली:
ये गड़बड़ी 2020-21 में माह अप्रेल 2020 से नवंबर 2020 के बीच 1.10 लाख क्विंटल गेहंल और 1.71 चावल के वितरण में की गई है. नान प्रबंध संचालक ने क्षेत्रीय और जिला प्रबंधकों को पत्रांक-पीएफएमएस-2022-23-122 कहा है कि अमान्य मात्रा की राज्य शासन से तय दरों के आधार पर वसूली उचित मूल्य दुकानों के कमीशन से करें.
सबसे ज्यादा इन जिलों में हुई गड़बड़ी:
जिला गेहूं (किग्रा)
जबलपुर 1975647
बड़वानी 1823122.5
शिवनी 1356692
छतरपुर 028640
जिला चावल (किग्रा)
छिंदवाड़ा 2896794
बड़वानी 2631446
जबलपुर 2164098
सागर 1381158