इंदौर न्यूज़: शहरवासी इलेक्ट्रिक वाहनों (इवी) की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन उन्हें बाजारों, मुख्य मार्गों, चौराहों, पार्किंग स्थलों, ऑटो स्टैंड, स्टेशन, हाउसिंग सोसाइटियों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, यूनिवर्सिटी कैंपस जैसी प्रमुख जगहों पर चार्जिंग की सुविधा नहीं मिल रही है. प्रदूषण कम करने के लिए जरूरी इवी की घर से बाहर चार्जिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने में जिम्मेदार नाकाम हैं. इवी को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम व एआइसीटीएसएल को 140 चार्जिंग स्टेशन बनाने हैं, लेकिन अब तक 5 ही बने हैं. उनमें से भी 2 चार्जिंग स्टेशन बंद हैं.
बंद चार्जिंग स्टेशन में भी सुधार नहीं हो रहा है. इससे वाहन चालक परेशान हैं. ई-रिक्शा चालकों के लिए व्यवस्था नहीं की जा सकी है. ऐसे में 70-80 किमी से अधिक वाहन चलने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को घर ले जाना पड़ता है.
● कुल वाहन: प्रदेश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन इंदौर में रजिस्टर्ड हैं. यहां 10 हजार से अधिक वाहन चल रहे हैं.● यात्री बसें: एआइसीटीएसएल की 540 से अधिक बसें हैं. दो से तीन साल में करीब 2000 बसें चलाने की योजना है. 40 इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग की व्यवस्था है.
● रिक्शा: सीएनजी से संचालित 20 हजार से अधिक ऑटो रिक्शा हैं. करीब 5 हजार ई-रिक्शा के लिए चार्जिंग के इंतजाम नहीं हैं. एक साल बाद 70 स्टेशन बनेंगे.
● कार: 30 हजार से अधिक कार-टैक्सी में से करीब 30 तो 300 से अधिक निजी कारें इलेक्ट्रिक हैं. इनके लिए पांच जगह चार्जिंग पाइंट हैं. पालिका प्लाजा में सुविधा बंद है.
● बाइक: 1 लाख से ज्यादा वाहनों में से करीब 7500 इलेक्ट्रिक हैं. इन्हें भी सुविधा नहीं मिल पा रही है.