जबलपुर। जिला न्यायालय की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित पिता का दोष सिद्ध पाया. इस पर उसे आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया, साथ ही तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा पीड़ित को दो लाख रुपये प्रतिकर राशि दिए जाने के भी निर्देश दिए गए.
लोक अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने पीड़िता का पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि 9 जून 2019 को नाबालिग पीड़िता ने थाना पनागर में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि उसके पिता, मां को हमेशा परेशान करते थे. इसी वजह से मां, छोटे भाई को लेकर मामा के गांव चली गई. वह अपने पिता के साथ अकेली रह गई थी. रात लगभग 4 बजे पिता ने उसके साथ जबरदस्ती की. यही नहीं किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी. इसके बाद उसने इस हरकत को अंजाम देने की आदत बना ली.
रिपोर्ट लिखाने के छह माह पूर्व मां ने पिता को नाबालिग के साथ गलत हरकत करते देख लिया था. लिहाजा, उसने पिता को जमकर फटकारा भी था. इस पर आरोपी ने गलती हो गई कहकर अपना बचाव किया था, लेकिन उसके बाद भी उसने अपना रवैया नहीं बदला और सूनेपन का फायदा उठाकर शोषण करने लगा. पुलिस (Police) ने पास्को एक्ट, बलात्कार जैसी विभिन्न धाराओं के तहत अपराध कायम कर अदालत में चालान पेश किया. जिसे अदालत ने दोष सिद्ध पाकर आरोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा, 3 हजार जुर्माना एवं 2 लाख रुपये प्रतिकर राशि दिए जाने का निर्देश दिया.