त्रिशूर पूरम 2022 : 10 और 11 मई को मनाई जाएगी यह उत्सव

केरल के प्रत्येक त्योहार में जानवरों को भी शामिल किया जाता है। जिनमें हाथी प्रमुख है।

Update: 2022-05-08 12:03 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : केरल के लोकप्रिय त्योहार विषु के बाद त्रिशूर में हाथियों का जुलूस सभी के आकर्षण का केंद्र रहता है जिसे देखने के लिए भारत केअलावा दुनिया भर के पर्यटक आते हैं। भारत का दक्षिण भारतीय राज्य केरल अपने मंदिरों के कारण लगातार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रहा हैऔर आज केरल और पर्यटन लगभग एक दूसरे के पर्यायवाची बन गए हैं।केरल के त्योहार भी केरल की तरह ही सुंदर और पारंपरिक होते हैं। जिनमें जानवरों और इंसानो के बीच एक अटूट प्रेम दिखाया जाता है। केरल के प्रत्येक त्योहार में जानवरों को भी शामिल किया जाता है। जिनमें हाथी प्रमुख है।

हाथी को शुभ मान कर केरल के हर पुरम, त्योहार में हाथियों को विशेष रुप से तैयार किया जाता है। इंसान और आदमी के बीच में प्रेम को प्रदर्शित करता केरल का मुख्य त्योहार है त्रिशूर पूरम। केरल में कई पूरम के त्योहर मनाए जाते हैं किन्तु त्रिशूर पूरम उत्सव की रौनक ही अलग होती है। त्रिशूर पूरम केरल में हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। त्रिशूर पूरम त्रिशूर नगर का वार्षिकोत्सव है। यह भव्य रंगीन मंदिर उत्सव केरल के सभी भाग से लोगों को आकर्षित करता है।

त्रिशूर पूरम की शुरुआत आज से 200 साल पहले त्रिशूर के राजा ने इस मकसद से करी थी की सारे मंदिर एकजुट हो जाएं। यह उत्सव थेक्किनाडु मैदान पर्वत पर स्थित वडक्कुन्नाथन मंदिर में, नगर के बीचोंबीच आयोजित होता है। यह मलयाली मेडम मास की पूरम तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार को भगवान शिव का पुनर्जन्म माना जात है। जहां हजारों भक्त भगवान के दर्शन करने इस उत्सव में एकत्र होते हैं। इस वर्ष त्रिशूर पुरम का त्योहार मंगलवार, 10 मई - बुधवार, 11 मई को मनाया जाएगा।

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