सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पिनाराई विजयन से सीएम पद छोड़ने और जांच का सामना करने को कहा
केरल में सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कहा है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ आयकर विभाग की आपत्तिजनक रिपोर्ट की अदालत की निगरानी में जांच का आदेश दिया जाना चाहिए और जांच पूरी होने तक विजयन को मुख्यमंत्री पद से हट जाना चाहिए।
लगभग 20 सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक संयुक्त बयान में कहा गया कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को जो सतर्कता बरतनी चाहिए, उसे बनाए रखने में विजयन की ओर से चूक हुई। उनका मानना था कि यह पहली बार हो सकता है कि किसी मुख्यमंत्री को न्यायिक प्रकृति की संस्था (आयकर अंतरिम निपटान बोर्ड) के आधार पर इस तरह के आरोप का सामना करना पड़ रहा है और अदालत की निगरानी में जांच जरूरी है।
बयान में यह भी कहा गया कि इस आरोप की भी जांच की जानी चाहिए कि विपक्षी कांग्रेस के नेताओं ने खनन कंपनी से चंदा लिया। बयान जारी करने वालों में जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता यू के कुमारन, एम एन करासेरी और अप्पुक्कुट्टन वल्लिकुन्नु शामिल हैं।
आयकर अंतरिम निपटान बोर्ड की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि विजयन की बेटी वीणा टी और उनकी बेंगलुरु स्थित आईटी फर्म एक्सलॉजिक सॉल्यूशंस को वर्ष 2016-20 के दौरान बिना कोई सेवा प्रदान किए कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल्स लिमिटेड से 1.72 करोड़ रुपये मिले। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि केरल के कई प्रमुख राजनेताओं ने विवादास्पद खनन फर्म से दान लिया।