NIA को झटका, केरल हाई कोर्ट ने दोहरे बम धमाके के दो आरोपियों को किया रिहा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को झटका देते हुए.

Update: 2022-01-27 15:45 GMT

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को झटका देते हुए. केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को लश्कर-ए-तैयबा के कथित सदस्य टी नजीर और शफास को बरी कर दिया। इन्हें 2011 में एनआईए अदालत ने 2006 कोझीकोड दोहरे धमाके के मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने एनआईए की विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ पहले आरोपी नजीर और चौथे आरोपी शफास द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया।

न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति जियाद रहमान की खंडपीठ ने एनआईए द्वारा दायर अपील को भी खारिज कर दिया जिसमें मामले के दो अन्य आरोपियों अब्दुल हलीम और अबूबकर यूसुफ को बरी करने के एनआईए अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। नजीर और अन्य आरोपियों पर 3 मार्च, 2006 को कोझीकोड केएसआरटीसी और मुफस्सिल बस स्टैंड में बम विस्फोटों की साजिश रचने, योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने का आरोप लगा था।
एनआईए मामलों की विशेष अदालत ने नजीर और शफीस दोनों को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों का दोषी पाया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अपने आदेश में हाई कोर्ट ने कहा कि अपराध की तैयारी को लेकर कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है जो आरोपी को दोषी ठहरा सके।
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