केरल में 2015 के बाद से बारिश की घटनाओं में करीब तीन गुना इजाफा हुआ

भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, केरल में वर्ष 2015 के बाद से बहुत भारी बारिश की घटनाओं में करीब तीन गुना इजाफा हुआ है।

Update: 2022-02-21 07:51 GMT

भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, केरल में वर्ष 2015 के बाद से बहुत भारी बारिश की घटनाओं में करीब तीन गुना इजाफा हुआ है।आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस तटवर्ती राज्य में वर्ष 2015 के दौरान बहुत अधिक भारी बारिश की 43 घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि यह संख्या वर्ष 2021 में बढ़कर 115 हो गई। बहुत अधिक बारिश की घटना का वर्गीकरण ऐसे दिन के रूप में किया गया है, जब 115.6 से 204.4 मिलीमीटर के बीच वर्षा दर्ज की जाए।

वर्ष 2015 में बहुत भारी वर्षा की 43 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 19 जून में दर्ज की गईं। वर्ष 2016 में यह संख्या 23 थी, जिनमें से 16 घटनाएं अकेले जून में दर्ज की गईं। वर्ष 2017 में बहुत भारी बारिश की 38 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 14 घटनाएं सितंबर की हैं। वर्ष 2018 में बहुत भारी बारिश की 163 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 74 घटनाएं अगस्त में दर्ज की गईं। वर्ष 2019 में बहुत भारी बारिश की 117 घटनाएं हुईं, जिनमें से 71 अगस्त में और 22 जुलाई में दर्ज की गईं। वर्ष 2020 में बहुत भारी वर्षा की 110 घटनाएं हुईं। वर्ष 2021 में बहुत भारी बारिश की 115 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 51 घटनाएं केवल मई में दर्ज की गईं।
कांग्रेस सदस्य शशि थरूर के एक सवाल पर पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा था, 'गर्मी बढ़ने से अत्यधिक वर्षा की घटनाओं की आवृत्ति पूरे भारत में बढ़ सकती है खासकर मध्य और दक्षिणी भागों में।
भारी बारिश (64.5-115.5 मिमी प्रति दिन)
वर्ष कुल घटनाएं 10 महीनों में
2015 ३६०
2016 225
2017 360
2018 607
2019 528
2020 484
अगस्त में अधिकतम (132)
2021 574
अधिकतर मई में 130
अक्तूबर में 112 दिन
जुलाई में 107 दिन
अत्यधिक भारी वर्षा (204.4 मिमी प्रति दिन से अधिक)
2015 01 दिन
2016 01 दिन
2017 02 दिन
2018 32 घटनाएं
2019 33 घटनाएं
2020 08 घटनाएं
2021 11 घटनाएं


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