केरल हाईकोर्ट ने राज्य फिल्म पुरस्कारों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
कोच्चि (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मलयालम फिल्म निर्देशक एमजे लिजीश द्वारा 2022 के केरल राज्य फिल्म पुरस्कारों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।अदालत ने याचिका को 'तुच्छ' करार दिया और इसे खारिज कर दिया। अदालत ने यह देखने के बाद याचिका खारिज की कि दलीलें अपर्याप्त थीं और फिल्म निर्देशक द्वारा लगाए गए भाई-भतीजावाद और पूर्वाग्रह के आरोपों को साबित करने के लिए सबूतों की कमी थी।
लिजीश मलयालम फिल्म 'आकाशाथिनु थाझें' के निर्देशक हैं, जिसने पुरस्कारों के लिए भी प्रतिस्पर्धा की थी। उन्होंने दावा किया कि भाई-भतीजावाद और जूरी के पक्षपात के कारण उन्होंने फिल्म के लिए कोई पुरस्कार नहीं जीता।
उनकी याचिका में यह भी बताया गया कि इसी तरह के आरोप एक अन्य फिल्म निर्देशक विजयन ने भी लगाए थे, जिन्होंने कहा था कि उनके पास राज्य पुरस्कारों के जूरी सदस्यों के खिलाफ सबूत हैं जो उनकी ओर से पक्षपात और भाई-भतीजावाद साबित कर सकते हैं।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उनकी फिल्म को नजरअंदाज करके चलचित्र अकादमी ने संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत प्रदत्त उनके समानता के अधिकार का उल्लंघन किया है। इसलिए, उन्होंने 2022 के पुरस्कारों को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
उन्होंने अदालत से राज्य सरकार और केरल राज्य पुलिस प्रमुख को जांच करने और फिल्म निर्देशक रंजीत बालाकृष्णन, जो केरल चलचित्रा अकादमी के वर्तमान अध्यक्ष हैं, के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की भी मांग की थी। लेकिन हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।