महामारी के बाद तंगी से जूझ रहे चिड़ियाघर
राज्य सरकार देती है पांच करोड़ रुपए
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : अधिकारियों के अनुसार चौथी लहर की आशंका के साथ राजस्व पर अनिश्चितता के बीच 2022-23 में 73.92 करोड़ रुपए की कमी का अनुमान है।कर्नाटक चिडिय़ाघर प्राधिकरण (जेडएके) इस साल गेट संग्रह के माध्यम से 73.92 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित करने की उम्मीद कर रहा है। लक्ष्य हासिल होने के बाद भी 17.49 करोड़ रुपए की कमी का सामना करना पड़ सकता है।राज्य के चिडिय़ाघर के रखरखाव और वेतन का भुगतान पर वर्ष 2022-23 के लिए व्यय 114.67 करोड़ आंका गया है। पशु गोद लेने की योजना सहित अन्य स्रोतों के माध्यम से 23.26 करोड़ जुटाने का प्रस्ताव है।
Mysuru Zoo जैसे बड़े चिडिय़ाघर को रख-रखाव के लिए बड़े पैमाने पर धन की आवश्यकता होती है। अब भी मैसूरु चिडिय़ाघर सहित अन्य चिडिय़ाघर में आगंतुकों की संख्या कोविड के पहले जैसी नहीं है। लेकिन, इनकी बढ़ती संख्या से कुछ उम्मीद जगी है।Zoo Authority Of Karnataka के अध्यक्ष महादेव स्वामी ने बताया कि प्राधिकरण राज्य सरकार से राहत पैकेज की मांग करेगा। दो साल के अंतराल के बाद पहली बार जेडएके ने विकास कार्यों के लिए अलग से धनराशि निर्धारित की है, जो महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान राजस्व में भारी गिरावट के कारण रुक गई थी।
जेडएके के सदस्य सचिव बी. पी. रवि ने बताया कि मैसूरु चिडिय़ाघर को राज्य सरकार पांच करोड़ रुपए देती है। इसका उपयोग वन्य जीवों के बचाव और पुनर्वास के लिए किया जाता है। Fund की कमी चिंता का विषय है। जेडएके को विकास कार्यों को रोकना पड़ सकता है। जेडएके के पास राजस्व के अन्य विकल्प नहीं हैं। दाताओं और पशु प्रेमियों से उम्मीद है। कोरोना महामारी के दौरान कई लोगों ने वन्यजीवों को गोद लेकर चिडिय़ाघरों की मदद की थी। मैसूरु चिडिय़ाघर को दान और गोद लेने के रूप में 3.5 करोड़ रुपए से अधिक आए, जिससे चिडिय़ाघर प्रबंधन को संकट का प्रबंधन करने में मदद मिली।