रविवार को बेंगलुरु के कई हिस्सों में दूध की आपूर्ति बाधित हो गई, क्योंकि स्थानीय वितरकों को दैनिक आवश्यक सामान पहुंचाने वाले सैकड़ों वाहन सड़कों से नदारद रहे। बैंगलोर मिल्क यूनियन लिमिटेड (बामूल) से जुड़े 250 दुग्ध वाहनों में से कम से कम 150 उच्च परिवहन शुल्क और सुविधाओं की मांग को लेकर अचानक हड़ताल पर चले गए।
250 वाहन प्रत्येक दिन लगभग 375 चक्कर लगाते हैं, जिनमें से प्रत्येक लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय करता है। प्रत्येक वाहन को 1,500 रुपये से 2,000 रुपये का भुगतान किया जाता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि वह कितने किलोमीटर की दूरी तय करता है और दूध की मात्रा कितनी है।
बामूल बेंगलुरु शहरी, ग्रामीण और रामनगर जिलों की दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व करता है। यह प्रति दिन 13 लाख लीटर या शहर की दूध की जरूरतों का 70 फीसदी आपूर्ति करता है। दूध वितरण के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ के अध्यक्ष गोविंदप्पा ए ने कहा, बेंगलुरु को केएमएफ मदर डेयरी, येलहंका से दूध की आपूर्ति भी मिलती है। गोविंदप्पा के मुताबिक बामूल 250 रूटों पर दूध की सप्लाई करता है। इनमें से 150 रूट बंद कर दिए गए हैं।