भड़काऊ भाषण के लिए कर्नाटक के मंत्री ईश्वरप्पा के खिलाफ देशद्गोह के आरोप, जांच के आदेश
बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष (Karnataka harsha murder case) की हत्या के बाद भड़गाऊ भाषण के लिए कर्नाटक की एक विशेष अदालत ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं
बेंगलुरु: बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष (Karnataka harsha murder case) की हत्या के बाद भड़गाऊ भाषण के लिए कर्नाटक की एक विशेष अदालत ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। उन पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप हैं। मौजूदा एवं पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने 30 मार्च को शिवमोगा निवासी रियाज अहमद की ओर से दायर निजी शिकायत पर यह आदेश जारी किया।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत के साथ डोड्डापेट पुलिस और उच्च अधिकारियों से संपर्क किया था। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने एक निजी शिकायत के साथ विशेष अदालत का रुख किया। अहमद का आरोप है कि 20 फरवरी 2022 को हिंदू कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के बाद, इससे पहले कि पुलिस मामले की जांच करती, ईश्वरप्पा और चन्नाबसप्पा (एक भाजपा नेता) यह दुष्प्रचार फैलाने लगे कि वारदात के पीछे राजनीतिक व धार्मिक कारण हैं।
अहमद ने दावा किया कि यह दो समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने के इरादे से किया गया था और इसके चलते 21 फरवरी को दंगे हुए, जिससे निजि और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा। देशद्रोह और दुश्मनी को बढ़ावा देने के अलावा अहमद ने आरोप लगाया कि ईश्वरप्पा के कृत्य से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची और सद्भाव बिगड़ा। यह मानते हुए कि शिकायतकर्ता ने मामले को जांच के लिए संदर्भित करने के लिए कई आधार दिए हैं, बेंगलुरु की अदालत ने शिवमोगा पुलिस को तफ्तीश के निर्देश दिए।
क्या है मामला?
कर्नाटक के शिवमोग्गा में 20 फरवरी को बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद इलाके में बवाल हो गया। कहा जा रहा है कि 26 साल के बीजेपी नेता ने हिजाब को लेकर सोशल मीडिया में कुछ लिखा था। हत्या के बाद इलाके में जमकर बवाल हुआ। तोड़फोड़ के बाद वाहनों में आग लगा दी गई। बवाल बढ़ता देख इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। धारा 144 लागू कर दी गई है। स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए।