सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मुस्लिम लड़कियां स्कूल, कॉलेज में हिजाब पहन सकती है या नहीं इस समय यह मुद्दा देश में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
यह विवाद पिछले साल 28 दिसंबर उस समय शुरू हुआ जब कर्नाटक के पीयू कॉलेज की छह छात्राओं ने आरोप की उन्हें हिजाब पहनकर क्लासरूम में नहीं बैठने दिया जा रहा है।
हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच ने मामले की सुनवाई की। 5, 7, 8 और 9 सितंबर को काफी बहस हुई। इस दौरान हुई बहस में पगड़ी और तिलक का जिक्र आया तो वहीं कुरान और संविधान की भी बात हुई।
हिजाब विवाद को लेकर तस्वीर अभी साफ नहीं हो पाई है। इसके लिए सुप्रीम में 14 सितंबर को दोपहर 11ः30 बजे फिर से सुनवाई की जाएगी।
इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि शैक्षणिक संस्थानों में लड़कियों का हिजाब पहनना इस्लाम में एक मौलिक धार्मिक प्रथा नहीं है। जिसके बाद इस मामले को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत में याचिका दायर की गई थी।
सोमवार को मुस्लिम लड़कियों की ओर से सीनियर एडवोकेट यूसुफ मुछला और सलमान खुर्शीद ने अपनी दलीलें पेश की। इस बीच एडवोकेट मुछला ने कहा कि अदालत को धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या नहीं करनी चाहिए। इस पर जस्टिस गुप्ता ने पूछा कि फिर हिजाब को आवश्यक धार्मिक प्रैक्टिस बताते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट क्यों गए थे।