कर्नाटक हिजाब बैन पर सुप्रीम कोर्ट आज अहम फैसला सुनाने वाला है। कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब प्रतिबंध को खत्म करने से इनकार करने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की दो जजों की बेंच सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगी। 10 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ राज्य सरकार समेत सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 22 सितंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट में दलीलों के दौरान, याचिकाकर्ताओं के वकील ने जोर देकर कहा था कि मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने और उसको पहनकर स्कूल जाने से रोकना उनकी शिक्षा को खतरे में डाल देगा। क्योंकि वह बिना हिजाह के कक्षाओं में भाग लेना बंद कर देंगी, इससे एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक नुकसान होगा और पूरे देश को नुकसान होगा। वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने छात्रों की ओर से तर्क दिया कि मौलिक अधिकारों, जैसे कि क्या पहनना है और किसी के विश्वास का अभ्यास करने की स्वतंत्रता, जैसे मौलिक अधिकारों से समझौता नहीं किया जा सकता है।
छात्रों ने कर्नाटक हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने सिख प्रथाओं के साथ तुलना, अपनी मर्जी से कपड़े पहनने का अधिकार और शिक्षा के अधिकार के मुद्दे पर तर्क दिया था। कर्नाटक राज्य सरकार ने कहा था हिजाब पर प्रतिबंध एक उचित प्रतिबंध है, क्योंकि इस्लाम में हिजाब एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं मानी जाती है।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा 5 फरवरी को जारी एक आदेश को भी बरकरार रखा था, जिसमें कर्नाटक सरकार ने कहा था, हिजाब पहनना, उन स्कूलों या कॉलेजों में संभव नहीं है, जहां ड्रेस कोड है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब न पहनने का फैसला बरकरार रखते हुए कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है।