साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा- साधन से नहीं साधना से मिलता है आनन्द

जयनगर में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि आनन्द साधन से नहीं साधना से प्राप्त होता है

Update: 2022-02-20 12:13 GMT

बेंगलूरु. जयनगर में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि आनन्द साधन से नहीं साधना से प्राप्त होता है। आंनद भीतर का विषय है, तृप्ति आत्मा का विषय है। साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि मन को तो कितना भी मिल जाए, यह अपूर्णता का बार- बार अनुभव कराता रहेगा। उन्होंने कहा कि जो अपने भीतर तृप्त हो गया उसे बाहर के अभाव कभी परेशान नहीं करते। साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि दुख और परिश्रम मानव जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि दुख के बिना हृदय निर्मल नहीं होता,और परिश्रम के बिना मनुष्य का विकास नहीं होता। निकेश भंडारी ने बताया कि साध्वी सोमवार तक जयनगर विराजित रहेंगे। विहार सेवा में नरेंद्र कुमार भंडारी, सुरेंद्र कुमार भंडारी, वंशराज बोहर, महेंद्र सेठ, दीपक भंडारी, रंजीत भंडारी, सिद्धार्थ भंडारी, कमला बाई भंडारी, जयंती बाई भंडारी,आरती,कोमल आदि ने लाभ लिया।

वृद्धों व अशक्तों के लिए दी जरूरत की सामग्री
बेंगलूरु. ब्यावर संघ युवा शाखा बेंगलूरु के तत्वावधान में तारा वृद्धाश्रम में वृद्धों और अशक्तों के लिए जरूरत के सामान वितरित किए गए। इस अवसर पर ब्यावर संघ युवा अध्यक्ष ललित डाकलिया ने कहा कि शहर के राज राजेश्वरी नगर गेट के पास स्थित तारा वृद्धाश्रम में वृद्धों के लिए जरूरत का सामान ज्ञान कंवर, कल्याणमल,बहादुर कांकरिया परिवार द्वारा दिया गया। इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में ब्यावर संघ के पूर्व महामंत्री राजेन्द्र संचेती, संघ के संस्थापक सदस्य परिवार से अरुण लूणावत, ज्ञानकंवर, बहादुर कांकरिया, सुशीला कांकरिया, ललित डाकलिया, प्रकाश पारख, संजीव पारख, विकास खटोड़, विकास पारख, नीलम पारख उपस्थित रहे।
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