सत्तारूढ़ भाजपा सत्ता विरोधी लहर को कम करने के लिए गुजरात मॉडल अपनाने को तैयार
बेंगलुरु (आईएएनएस)| कर्नाटक में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सत्तारूढ़ भाजपा अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहने के उद्देश्य से पार्टी ने गुजरात की तर्ज पर जमीनी और वर्चुअल मंचों पर सावधानीपूर्वक प्रचार अभियान शुरू कर दिया है।
आम मतदाता तक शारीरिक रूप से और साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के गुजरात मॉडल के राज्य में अच्छे परिणाम मिले और अब इसे कर्नाटक में लागू किया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों ने बताया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने राज्य में आक्रामक प्रचार शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो बार राज्य का दौरा कर चुके हैं और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी फरवरी में हवाईअड्डे का उद्घाटन करने के लिए शिवमोग्गा पहुंचेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जद-एस का गढ़ माने जाने वाले मांड्या का दौरा किया और वहीं चुनावी बिगुल फूंक दिया। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस दक्षिणी राज्य में जल्द ही चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे।
भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष के घर का दौरा किया था और एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने हिंदू लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा की बात करते हुए एक विवादित बयान दिया था।
राष्ट्रीय जन नेताओं को साथ लेने के अलावा, पार्टी प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बना रही है। समाज कल्याण मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने कहा है कि भाजपा ने 51,872 बूथ कमेटियां बनाई हैं, जबकि 13,21,792 पेज प्रमुख नियुक्त किए जा रहे हैं।
पुजारी ने कहा, "हमने 50,260 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं और राज्य में 32.83 लाख घरों पर पार्टी के झंडे लगाए हैं। इस अभियान में 15,93,848 पार्टी कार्यकर्ताओं को लगाया गया है।"
भाजपा के प्रदेश महासचिव महेश तेंगिनाकयी ने कहा है कि गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए बूथ स्तर पर योजनाएं बनाई हैं। उन्होंने कहा, "हमारे पास 150 सीटें जीतने का मिशन है। हम इसे हासिल करेंगे। घर-घर पहुंचकर संपर्क स्थापित करने के साथ-साथ लोगों के दिलों को छूने की योजना बनाई जा रही है।"
बेंगलुरु दक्षिण के भाजपा अध्यक्ष एन.आर. रमेश ने बताया, "कर्नाटक में 58,000 और बेंगलुरु में 8,600 बूथ हैं। पार्टी के पास हर बूथ के लिए 12 सदस्यीय टीम है। इन सदस्यों के पास मतदाताओं का एक व्हाट्सएप ग्रुप होगा। मतदाताओं को प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और कार्यक्रम, पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की उपलब्धियां और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के किए कार्यो से अवगत कराया जाएगा।"
मुस्लिम बहुल 550 बूथों सहित बेंगलुरु के सभी बूथों को कवर किया जा रहा है। रमेश ने कहा कि पूरे राज्य में 58,000 बूथों पर 54,000 बूथों के लिए बूथ समितियां बनाई जाती हैं।
इसके अलावा, मतदाता सूची के आधार पर 'पेज प्रमुखों' की नियुक्ति की जाती है। भाजपा के वोटरों की पहचान की जाएगी और पेज प्रमुखों को करीब 40 से 50 बार आठ से 12 घरों में संपर्क करने को कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि वे सरकार के कार्यक्रमों के बारे में मतदाताओं से संवाद करेंगे और उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों के कार्यक्रमों का लाभ दिलाने में मदद करेंगे।
पेज प्रमुख बनाने का अभियान 2 से 12 जनवरी तक चलाया गया।
सत्ता विरोधी लहर के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, "लोग अच्छी तरह जानते हैं कि पहले भाजपा कार्यकर्ताओं पर किस तरह झूठे मामले दर्ज किए जाते थे, कैसे आंतरिक सुरक्षा को चुनौती दी जाती थी और कैसे आतंकवादी संदिग्धों पर चल रहे मुकदमे वापस ले लिए जाते थे और कैसे टीपू जयंती मनाने की जिम्मेदारी मुस्लिमों पर थोपी जाती है।"
2016 में जब कांग्रेस और जद-एस गठबंधन सरकार सत्ता में थी, किसान सम्मान योजना के तहत केवल 17 लाभार्थियों को जोड़ा गया था। येदियुरप्पा के सत्ता संभालने के बाद लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 10,000 हो गई। उन्होंने दावा किया कि अब राज्य में 44 लाख किसान इस योजना के लाभार्थी हैं।
रमेश ने जोर देकर कहा, "लोगों ने मंगलुरु में कुकर बम विस्फोट मामले में कांग्रेस नेताओं के बयानों और नोटबंदी के बारे में राहुल गांधी के बयान सुने हैं। वे सच्चाई जानते हैं, इसलिए सत्ता विरोधी लहर का कोई सवाल ही नहीं है।"
--आईएएनएस