राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के आईएसआईएस साजिश मामले में नौ लोगों के खिलाफ अपना पहला पूरक आरोप पत्र दायर किया। एनआईए ने अपने आरोप में कई खुलासे किए हैं। बता दें कि एनआईए ने अपने पूरक आरोप पत्र में कहा कि आरोपी भविष्य में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए कौशल हासिल करने के लिए रोबोटिक्स पाठ्यक्रम लेने वाले थे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के आईएसआईएस साजिश मामले में नौ लोगों के खिलाफ अपना पहला पूरक आरोप पत्र दायर किया। एनआईए ने अपने आरोप में कई खुलासे किए हैं।
NIA ने किए अहम खुलासे
बता दें कि एनआईए ने अपने पूरक आरोप पत्र में कहा कि आरोपी भविष्य में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए कौशल हासिल करने के लिए रोबोटिक्स पाठ्यक्रम लेने वाले थे।
एनआईए के अनुसार, आरोपियों ने इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) की साजिश के तहत लोगों में दहशत फैलाने के लिए कई स्थानों के बारे में पता लगाया और वहां संपत्तियों और वाहनों को आग के हवाले किया। साथ ही शिवमोग्गा में एक परीक्षण आईईडी विस्फोट किया था।
इन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर
शनिवार को आरोपपत्र दाखिल किए गए आरोपियों की पहचान मोहम्मद शारिक (25), माज मुनीर अहमद (23), सैयद यासीन (22), रीशान थाजुद्दीन शेख (22), हुजैर फरहान बेग (22), माजिन अब्दुल रहमान (22), नदीम अहमद के ए (22), ज़ँबीउल्ला (32) और नदीम फैज़ल एन (27) के रूप में की गई। ये सभी कर्नाटक के रहने वाले हैं।
जांच एजेंसी ने कहा
उन सभी पर यूएपीए, आईपीसी और केएस प्रिवेंशन ऑफ डिस्ट्रक्शन एंड लॉस ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1981 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
बता दें कि माज मुनीर अहमद और सैयद यासीन पर पहले भी इस साल मार्च में आरोपपत्र दाखिल किया गया था और अब उन पर अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया है।
एनआईए ने कहा
उन्हें विदेश स्थित आईएसआईएस हैंडलर ने भारत के लिए आईएस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भविष्य में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए कौशल हासिल करने के लिए रोबोटिक्स कोर्स करने का काम सौंपा था।
एनआईए की जांच से पता चला है कि मोहम्मद शारिक, माज मुनीर अहमद और सैयद यासीन ने क्षेत्र में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएस के निर्देश पर आतंक और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए विदेश स्थित आईएस गुर्गों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची थी।