कर्नाटक: सिद्धारमैया ने पूछा- RSS प्रमुख पर कभी कोई दलित क्यों नहीं बैठा? पढ़ें बीजेपी ने दिया क्या जवाब
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भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच 'चड्ढी विवाद' बढ़ता जा रहा है। इस बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला करते हुए सवाल उठाया कि आरएसएस प्रमुख के पद पर दलित या अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के किसी व्यक्ति को कभी क्यों नहीं बैठाया गया?
हुबली में मीडिया से बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा, "मैं आपको शुरू से बता रहा हूं कि आरएसएस एक गैर-धर्मनिरपेक्ष संगठन है। क्या कोई दलित, ओबीसी या अल्पसंख्यक समुदायों का सदस्य कभी सरसंघचालक बना है? वहीं, आरएसएस कार्यकर्ताओं के कांग्रेस कार्यालय में शॉर्ट्स इकट्ठा कर भेजने के सवाल पर सिद्धारमैया ने कहा, "और क्या कर सकता है चड्ढी? वो केवल चड्ढी का काम करते हैं। चड्ढी वाले चड्ढी का ही काम करते हैं।"
सिद्धारमैया के पास कोई मुद्दा नहीं: सिद्धारमैया की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस नेता को राज्य के विकास और भविष्य के बारे में बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया के पास और कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह ऐसी बातें कर रहे हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, 'सिद्धारमैया और कांग्रेस पार्टी की चड्ढी पहले से ही ढीली है। उनकी चड्ढी यूपी में खो गई है। सिद्धारमैया ने चामुंडेश्वरी में अपनी चड्ढी और लुंगी खो दी, अब वह संघ की चड्ढी जलाने की कोशिश कर रहे हैं।"
क्या है ये विवाद: दरअसल यह विवाद तब शुरू हुआ जब पिछले हफ्ते कांग्रेस की छात्र शाखा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के कुछ सदस्यों ने कर्नाटक के शिक्षामंत्री बीसी नागेश के घर के बाहर खाकी शॉर्ट्स की एक जोड़ी जलाई थी। उन्होंने ऐसा राज्य में स्कूली पाठ्यपुस्तकों के 'भगवाकरण' के विरोध में किया था। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की और छात्र नेताओं की गिरफ्तारी भी की थी।
आरएसएस कार्यकर्ता भेज रहे चड्डी:
सरकार के इस कदम से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विरोध में सांकेतिक तौर पर एक शॉर्ट्स जलाई गयी थी। कार्यकर्ताओं ने कोई असामाजिक कार्य नहीं किया, यह कैसे एक अवैध कार्य है? सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना कानून का उल्लंघन नहीं है। अब हम शॉर्ट्स जलाने का एक कार्यक्रम शुरू करेंगे। जिसके बाद सिद्धारमैया के बयान के विरोध में आरएसएस कार्यकर्ता अंडरवियर इकट्ठा कर उसे बॉक्स में डालकर कांग्रेस के ऑफिस भेज रहे हैं।