कर्नाटक हाईकोर्ट ने मायावती के खिलाफ 2013 में दर्ज आपराधिक मामला किया रद्द
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ 2013 में दर्ज किए गए एक आपराधिक मामले को रद्द कर दिया है
बेंगलुरू. कर्नाटक हाईकोर्ट ने बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ 2013 में दर्ज किए गए एक आपराधिक मामले को रद्द कर दिया है. मायावती के लिए इसे एक राहत के तौर पर देखा जा रहा है. मायावती और सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ आपराधिक मामला इस शिकायत पर दर्ज किया गया था कि उन्होंने एक लोक सेवक को चुनाव प्रचार के दौरान अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए कथित रूप से हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल' किया था. ये पूरा मामला 2013 में राज्य के विधानसभा चुनाव के दौरान कलबुर्गी जिले के जेवरगी में घटा था.
न्यायमूर्ति एस. सुनील दत्त यादव ने मायावती और सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए ये आदेश दिया. जिन्होंने आपराधिक मामला शुरू करने की वैधता पर सवाल उठाया था. गौरतलब है कि एक अधिकारी की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया गया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि मायावती और मिश्रा ने एक चेकिंग के दौरान अधिकारी से नोटों का एक बंडल छीन लिया था.
पुलिस ने इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. यह साफ करते हुए कि आईपीसी की धारा 353 को लागू करने के लिए हमला या आपराधिक बल का उपयोग जरूरी है, अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने कहा था कि उसे केवल नोट गिनने से रोका गया था. शिकायत में एकमात्र दावा ये किया गया था कि उसे नोट गिनने से रोका गया और उससे नोटों का बंडल छीन लिया गया.
कहा जाता है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों ने मायावती के बैग की जांच की और उसमें करीब एक लाख रुपये पाए गए थे. मायावती एक चुनावी सभा में हिस्सा लेने कर्नाटक गईं थी. हालांकि मायावती ने साफ किया था कि उनके बैग में मिले एक लाख में से 50,000 रुपये सतीश चंद्र मिश्रा के थे. उनकी आपत्ति के कारण नोटों की गिनती दो बार की गई थी.