कर्नाटक ने पैसे, जाति और धर्म की राजनीति को किया खारिज : पवार

Update: 2023-05-13 12:12 GMT
मुंबई (आईएएनएस)| कर्नाटक में कांग्रेस की शानदार जीत की सराहना करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि पड़ोसी राज्य के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी की धन, जाति और धर्म की राजनीति को खारिज कर दिया है। शरद पवार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कर्नाटक की जनता ने भाजपा की विभाजनकारी राजनीति को सबक सिखाया है और कांग्रेस को सत्ता सौंपी है। पवार ने भविष्यवाणी की कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भी यही रिजल्ट देखने को मिलेगा!
उन्होंने कहा कि लोग भगवा पार्टी द्वारा अपनाई जाने वाली 'खोखा' (करोड़ों रुपये की बोली) की राजनीति से तंग आ चुके हैं। पवार ने कहा, हालांकि भाजपा वहां सत्ता में थी, लेकिन सरकार के सभी शीर्ष नेता और पार्टी के वरिष्ठ नेता वहां प्रचार करने गए थे। हमें शक था कि उनके द्वारा इस्तेमाल किया गया पैसा उनके खिलाफ जाएगा और ऐसा ही हुआ।
उन्होंने ऐसे राज्य में भाजपा द्वारा सत्ता हथियाने के ट्रेंड पर खेद व्यक्त किया जहां वह अन्य दलों के विधायकों को तोड़कर नहीं चुनी जाती है। जिसे जनता ने अस्वीकार कर दिया है। पवार ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक में ऐसा किया, उन्होंने सत्ता हथियाने के लिए पिछली सरकार के विधायकों को तोड़कर कर पिछली सरकार को गिरा दिया था।
महाराष्ट्र और गोवा में भी पहले ऐसा ही हुआ था, जहां भाजपा ने इसी तरह से सत्ता संभाली थी। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने सरकारी तंत्र और उसके संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए यह नया चलन शुरू किया, यह बहुत चिंता का विषय है। हालांकि, लोग पैसे और बाहुबल की ऐसी राजनीति का समर्थन नहीं करते। कर्नाटक के नतीजों से यह साफ हो गया है।
कांग्रेस के प्रदर्शन पर पवार ने कहा कि कांग्रेस भाजपा के मुकाबले दोगुने से ज्यादा सीटें हासिल करने में कामयाब हुई है। यह इस बात का संकेत है कि कर्नाटक के लोगों ने भाजपा को पूरी तरह से हराने का मन बना लिया था।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि अब देश में कुशासन करने वालों को जनता सबक सिखाएगी और ऐसा ही चलन पूरे भारत में देखने को मिलेगा। कर्नाटक के भाजपा के नियंत्रण से बाहर होने पर, पवार ने कहा कि भगवा पार्टी का अब पूरे दक्षिण भारत से सफाया हो गया है।
पवार ने कहा, दिल्ली, झारखंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान के अलावा कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में कोई भाजपा सरकार नहीं है। यह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों का पूर्व संकेत है।
उन्होंने कहा कि बजरंगबली जैसे मुद्दों को उठाना भाजपा की ओर से एक बड़ी भूल थी, जो लगता है कि उल्टा पड़ गया है क्योंकि अब लोगों ने करारा जवाब दिया है।
राकांपा के कर्नाटक में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने पर, पवार ने स्पष्ट किया कि उसने उस राज्य में केवल प्रवेश करने के लिए सात उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था। हम कर्नाटक में एक शक्तिशाली पार्टी नहीं हैं, हमारे केवल एक उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। हमें राज्य में प्रवेश करने की जरूरत थी और इसके लिए हमें चुनाव लड़ना था।
--आईएएनएस
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