karnatak: IMD ने बताया कब वापस जा रहा मॉनसून

Update: 2024-09-24 06:57 GMT

karnatak कर्नाटक: मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार जून से सितंबर के बीच सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इस तरह यह मॉनसून 105 से 110 प्रतिशत Monsoon 105 to 110 percent की श्रेणी में है, जो इस दौरान होने वाली सामान्य गिरावट से 5 प्रतिशkarnatak कर्नाटक:त अधिक है। यह तब है जब जून में 11 फीसदी कम बारिश हुई थी। इस वर्ष मॉनसून की सामान्य तिथि 1 से 5 जून की तुलना में 30 मई को आ गयी थी। दो जुलाई तक यह पूरे देश में पहुंच गया था, जबकि ऐसा सामान्य: आठ जुलाई तक होता है। आमतौर पर मॉनसून पूरे देश में 1 जून से 8 जुलाई यानी 38 दिन तक कवर रहता है। लेकिन इस साल ऐसा ही 34 दिन तक लगा रहा। यह लगातार तीसरा साल है जब पूरे देश को मॉनसून ने 2 जुलाई तक कवर कर लिया था।

मॉनसून के दौरान अधिकांश देशों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। हालाँकि 36 में से पांच सबडिविज़न में कम बारिश हुई है। जम्मू और कश्मीर में 26 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 20 प्रतिशत, नारियल प्रदेश में 20 प्रतिशत, बिहार में 28 प्रतिशत और पंजाब में 27 प्रतिशत बारिश का आंकड़ा रह रहा है। वहीं, नौ सबडिजंस ऐसे भी चल रहे हैं, जहां स्कूटर का किरदार काफी ज्यादा चल रहा है। इनमें राजस्थान (74 प्रतिशत), गुजरात (68 प्रतिशत) के अलावा महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश शामिल हैं।मौसम विभाग ने मंगलवार को पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव क्षेत्र बनने का आकलन किया है, जिससे पूर्वी तट से कुछ राज्यों में बारिश हो सकती है। आईएमडी ने आने वाले सप्ताह के दौरान समुद्रतट और उत्तर आंतरिक कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य, पूर्व और भारत में बहुत भारी से भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।

भारत के एक बड़े हिस्से में बारिश से in part due to rain सराबोर करने के बाद, दक्षिण-पश्चिमी मोनसून ने वापसी की यात्रा शुरू की है। यह पश्चिमी राजस्थान की वापसी और कच्छ से हो रही है। इस मॉनसून के रहने वाले देश में पांच फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। वैसे यह ठीक ही है कि वापसी कर ली जाए, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि एक सप्ताह में भी आने वाले दिनों में यह देश के कई मानक बने रहेंगे। इस बार मॉनसून के दौरान सामान्य से पांच प्रतिशत अधिक बारिश हुई। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक मोनसून की वापसी 17 सितंबर तक हो सकती है, लेकिन इस बार यह तारीख 23 सितंबर रही है। अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी राजस्थान के कुछ और गंतव्य और पंजाब, हरियाणा और गुजरात के आसपास के क्षेत्रों से दक्षिण-पश्चिम की वापसी के लिए अजाबाज़ अनुकूल हैं।

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