हिजाब विवाद: कोर्ट से छात्रों को नहीं मिली अंतरिम राहत, शिक्षा मंत्री ने कही यह बात

कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने हिजाब विवाद (Hijab Controversy) को लेकर बुधवार को सुनवाई की.

Update: 2022-02-09 15:04 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने हिजाब विवाद (Hijab Controversy) को लेकर बुधवार को सुनवाई की. न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की एकल पीठ ने कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया है. इस मामले पर अब एक बार फिर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (B C Nagesh) का बयान सामने आया है. उन्‍होंने कहा है कि क्‍योंकि कोर्ट ने छात्रों को अंतरिम राहत देने के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया है, इसलिए सरकार की ओर जारी अधिसूचना (Uniform code) प्रभावी रूप से लागू होगा. ऐसे में छात्रों को कक्षाओं में जाने के लिए यूनिफॉर्म अनिवार्य किया गया है. बता दें कि शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा था कि समान वर्दी संहिता का पालन न करने वाली छात्राओं को अन्य विकल्प तलाशने की छूट है.

हिजाब विवाद पर एडवोकेट अभिषेक ने कहा, मामला अब कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सामने रखा जा रहा है कि क्या मामले को एक बड़ी पीठ को भेजा जाना चाहिए या नहीं. मामले को जल्द से जल्द निपटाया जाना चाहिए क्योंकि छात्र इस मुद्दे से परेशान हैं. नागेश ने कहा था कि जैसे सेना में नियमों का पालन किया जाता है, वैसा ही यहां (शैक्षणिक संस्थानों में) भी किया जाता है. उन लोगों के लिए विकल्प खुले हैं जो इसका पालन नहीं करना चाहते. वहीं मंत्री ने छात्रों से राजनीतिक दलों के हाथों का 'हथियार' न बनने की भी अपील की. बोम्मई सरकार ने शनिवार को एक परिपत्र जारी करते हुए उन कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया था जो राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में शांति, सौहार्द्र और कानून एवं व्यवस्था को बाधित करते हो.
वहीं परिपत्र पर नागेश ने कहा कि सरकार को इस मामले पर स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता महसूस हुई और उसने एक परिपत्र जारी किया. उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि छात्राएं हिजाब पहनकर स्कूल आ सकती हैं, लेकिन परिसर के भीतर उन्हें इसे अपने बस्तों में रखना होगा. उन्होंने इस पर हैरानी जताई कि जब सभी धर्मों के छात्र वर्दी पहनकर स्कूल आ रहे थे तो अचानक से यह समस्या क्यों पैदा हुई. उन्होंने कहा कि हर कोई समानता की भावना से एक साथ सीख और खेल रहा है, लेकिन कभी धार्मिक मतभेद पैदा नहीं हुए.
उडुपी में कई बच्चों को हिजाब पहनने के लिए उकसाया गया
नागेश ने कहा कि समस्या दिसंबर में शुरू हुई, जब उडुपी में कई बच्चों को हिजाब पहनने के लिए उकसाते हुए कहा गया कि 'शरिया' (इस्लामिक कानून) ऐसे कपड़े पहनने के लिए कहता है और इसका पालन करना उनका कर्तव्य है. मंत्री ने दावा किया कि कई बच्चों को ऐसा करने के लिए कहा गया, लेकिन उनमें से ज्यादातर लोग सहमत नहीं हुए. उन्होंने कहा, 'उडुपी के जिस स्कूल में यह घटना हुई, वहां 92 मुस्लिम बच्चों में से केवल छह लड़कियां हिजाब पहनकर आयी. अन्य बच्चे स्कूल की वर्दी पहनकर आए थे'.
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