हिजाब मामले: ग्वालियर के इकलौते मुस्लिम वकील की दलीलें कर्नाटक HC को माननी पड़ी

ग्वालियर के इकलौते मुस्लिम वकील की दलीलें कर्नाटक HC को माननी पड़ी

Update: 2022-03-16 10:57 GMT

ग्वालियर: कर्नाटक हाइकोर्ट ने मंगलवार को स्कूल-कालेजों में हिजाब पहनने पर पाबंदी लगाने का फैसला देते हुए तय स्कूल ड्रेस में आने के आदेश दिए हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि मामले में कोर्ट ने जो आदेश दिए हैं उस पर अधिकांश तथ्य ग्वालियर के रहने वाले एडवोकेट शीराज कुरैशी ने कोर्ट में रखे थे.

शीराज कुरैशी का कहना हैं कि पहले तो कोर्ट उनके तथ्य सुनने को तैयार ही नहीं था लेकिन बाद में 22 फरवरी को इस केस में इंटरवेंशन पिटीशन दाखिल की थी. शीराज कुरैशी की पिटीशन को कर्नाटक हाइकोर्ट ने स्वीकार किया और इस्लाम, कुरान व हदीस में कहीं भी हिजाब की अनिवार्यता न होने की उनकी दलीलों को माना भी
दरअसल शीराज कुरैशी भारत फर्स्ट मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं और इस मामले में एकलौते मुस्लिम वकील थे. शीराज कुरैशी ने कोर्ट में दलील दी थी कि संविधान के अनुसार ही देश चलेगा, न कि शरिया कानून के मुताबिक. उनके द्वारा अपनी पिटीशन और कोर्ट की दलीलों में इस्लाम में हिजाब की अनिवार्यता न होने की दलील को स्वीकार किया गया. कोर्ट ने भी अपने फैसले में यही उल्लेख किया है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. छात्र-छात्राएं स्कूल या कालेज का निर्धारित गणवेश पहनने से इनकार नहीं कर सकते हैं.
कोर्ट ने सुनाया विशेष फैसला
गौरतलब है कि हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है.
जानिए विवाद का कारण
दरअसल कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू की थी. इसके तहत सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है, ऐसे में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म ही पहननी होगी. वहीं, प्राइवेट स्कूल भी अपनी यूनिफॉर्म चुन सकते हैं. लेकिन हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी 2022 के दौरान हुई थी. उस वक्त उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई थीं. तब से ही इसे लेकर विवाद की स्थिति बन रही थी.
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