बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या पर सीएम बोम्मई, बोले- 'जांच के दौरान हाथ लगे जरूरी सुराग'

गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र (Home minister Araga Jnanendra) ने बताया कि एहतियात और सुरक्षा के तौर पर शहर की सीमा में स्कूल और कॉलेज दो दिनों तक बंद रहेंगे.

Update: 2022-02-21 07:43 GMT

गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र (Home minister Araga Jnanendra) ने बताया कि एहतियात और सुरक्षा के तौर पर शहर की सीमा में स्कूल और कॉलेज दो दिनों तक बंद रहेंगे. उन्होंने आशंका जताई है कि बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या में चार से पांच लोग शामिल हैं. समाचार एजेंसी एएनआई ने मंत्री के हवाले से बताया, 'चार से पांच युवकों के एक समूह ने हर्ष की हत्या की है. मुझे नहीं पता कि इस हत्या के पीछे किसी संगठन का हाथ है या नहीं. शिमोगा में कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है. एहतियात के तौर पर शहर की सीमा के सभी स्कूल-कॉलेज दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं.'


'कार्यकर्ता की हत्या में मुस्लिम गुंडों का हाथ'
इस घटना पर शिमोगा के BJP नेता और ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) ने कहा कि कार्यकर्ता की हत्या मुस्लिम गुंडों ने की है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ तथाकथित मुस्लिम लोगों का हाथ है. वहीं, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा, 'मैं इस हत्या की निंदा करता हूं क्योंकि हम अहिंसा में विश्वास करते हैं. हत्या में शामिल सभी लोगों को सजा दी जानी चाहिए और मैं राज्य के गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग करता हूं.' एएनआई की रिपोर्ट में बताया गया कि शहर के सीगेहट्टी इलाके में कुछ बदमाशों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया है. गौरतलब है कि बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की हत्या का मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब राज्य में हिजाब बैन (Karnataka Hijab Row) का मुद्दा गरमाया हुआ है.


हिजाब बैन के खिलाफ पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन
दरअसल, मुस्लिम छात्राओं के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. छात्राएं पिछले कई हफ्तों से इस प्रतिबंध का विरोध कर रही हैं और मांग कर रही हैं कि उन्हें शिक्षण परिसर में हिजाब पहनने की इजाजत दी जाए. उनका कहना है कि यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. इस संबंध में कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. हालांकि फैसला अभी विचाराधीन है. राज्य भर में हिजाब प्रतिबंध को लेकर मुस्लिम छात्राएं बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं. हालांकि कुछ छात्र-छात्राएं राज्य सरकार के इस फैसले का समर्थन भी कर रहे हैं.


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