दिल्ली यात्रा के दौरान कर्नाटक मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर बोम्मई ने चर्चा से किया इंकार
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नयी दिल्ली/बेंगलुरु, राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा पर आये कनार्टक के मुख्यमंत्री बसवाराज बोम्मई ने मंगलवार को कहा कि वह राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल के सिलसिले में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से इस बार कोई चर्चा नहीं करेंगे। उनकी दिल्ली यात्रा को लेकर पार्टी के कुछ नेता राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार की उम्मीदें रखे हुए थे।
आज सुबह दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान मंत्रिमंडल से जुड़ी प्रक्रिया को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के साथ विचार विमर्श करना चाहते थे किंतु पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शहर में नहीं हैं।
उन्होंने यहां यहां एक सवाल के जवाब में कहा, '' मेरी मंत्रिमंडल के संबंध में चर्चा करने की मंशा थी लेकिन हमारे (पार्टी) अध्यक्ष (जे पी) नड्डा और (केंद्रीय गृहमंत्री) अमित शाह शहर में नहीं हैं, इसलिए आज के कार्यक्रमों को पूरा करने के बाद में बुधवार को बेंगलुरू लौट जाऊंगा क्योंकि मंत्रिमंडल की बैठक होनी है। ''
मुख्यमंत्री पर अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में फेरबदल करने के लिए उन लोगों की तरफ से दबाव है जो (सरकार में पद पाने के) आकांक्षी हैं।बोम्मई ने आज दिन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से भेंट की । अब वह वैश्विक निवेश सम्मेलन 'इनवेस्ट कर्नाटक-2022' के सिलसिले में शाम में विभिन्न देशों के राजदूतों के साथ संवाद करेंगे। यह सम्मेलन नवंबर में होने वाला है ।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''.....मैं वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए विभिन्न देशों के निवेशकों को आमंत्रित करने के सिलसिले में उन देशों के राजदूतों एवं राजनयिकों से मिलूंगा जिसके बाद रात्रि भोज होगा। राज्य के उद्योग मंत्री एवं उनका विभाग इस सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।''
हाल में बोम्मई ने कहा था कि जितनी जल्दी उन्हें भाजपा नेतृत्व बुलाएगा वह मंत्रिमंडल विस्तार/फेरबदल पर चर्चा करने के लिए दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं। राज्य के कद्दावर भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा ने भी संकेत दिया था कि बहु प्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल शायद इस सप्ताह हो सकता।
दरअसल प्रदेश भाजपा में ऐसी चर्चा है कि मंत्रिमंडल में आमूलचूल बदलाव की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे में मंत्री पद की आकांक्षा रखने वालों को उम्मीद है कि मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबल के संबंध में शीघ्र ही निर्णय लिया जा सकता है। ऐसी भी चर्चा है कि कई पुराने चेहरों के स्थान पर नये चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
फिलहाल मंत्रिमंडल में पांच पद खाली है। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 29 मंत्री है, जबकि मंत्रिमंडल में 34 सदस्य तक हो सकते है । पार्टी के कुछ विधायक तो कर्नाटक मंत्रिमंडल में गुजरात जैसे बड़े बदलाव की वकालत कर रहे हैं।