बागलकोट (आईएएनएस)। कर्नाटक के बागलकोट शहर में जिला प्रशासन द्वारा शिवाजी की मूर्ति हटाए जाने की निंदा करते हुए भाजपा और हिंदू संगठनों ने शनिवार को बंद रखा है। 16 अगस्त की रात को मूर्ति को हटा दिया गया था और प्रशासन का कहना था कि मूर्ति की स्थापना अवैध थी, जिसके बाद स्थिति गंभीर हो गई।
भाजपा और हिंदू संगठन के लोग सोनार लेआउट पर एकत्र हुए जहां से प्रतिमा हटाई गई थी और विरोध प्रदर्शन किया।
शुक्रवार आधी रात से शहर में कर्फ्यू लगा हुआ है।
बीजेपी और हिंदू संगठनों ने इसे कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति के तहत की गई कार्रवाई करार दिया है।
बीजेपी और हिंदू संगठनों ने ऐलान किया है कि जब तक शिवाजी की मूर्ति दोबारा स्थापित नहीं हो जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
पूर्व उपमुख्यमंत्री गोविंद काराजोल ने इस मामले में शुक्रवार को एक बैठक की थी। बैठक में सभी दुकानें व बाजार बंद कर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
कर्फ्यू के आदेशों के बीच मौन मार्च निकालने की भी योजना है।
जिला आयुक्त के.एम. जानकी ने कहा कि शिवाजी की प्रतिमा के साथ शहर में सार्वजनिक स्थानों पर सिविक एजेंसियों की अनुमति के बिना लगाई गई कई प्रतिमाएं हटा दी गईं।