विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश, कांग्रेस विधायक ने सदन में बिल की कॉपी फाड़ी
22 दिसंबर को इस पर चर्चा की जाएगी.
बेलागवी: कर्नाटक (Karnataka) के गृह मंत्री (Home Minister) अरागा ज्ञानेंद्र (Araga Jnanendrav) ने राज्य विधानसभा में धर्मांतरण रोधी विधेयक (Anti Conversion Bill) पेश किया किया है. इस बिल को कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को प्रक्रिया के अनुसार धर्मांतरण रोधी विधेयक पेश करने की अनुमति दी गई है. 22 दिसंबर को इस पर चर्चा की जाएगी.
प्रस्तावित विधेयक का विपक्षी दल और ईसाई समुदाय के धर्म प्रमुख विरोध कर रहे हैं। समझा जाता है कि प्रस्तावित विधेयक में दंडनीय प्रावधान किए गए हैं और इस पर भी जोर दिया गया है कि जो लोग अन्य धर्म अपनाना चाहेंगे, उन्हें दो महीने पहले उपायुक्त के पास आवेदन देना होगा।
इससे पहले, गृह मंत्री अरग ज्ञानेंद्र ने कहा था कि जो लोग धर्मांतरण करना चाहेंगे, वे अपना मूल धर्म और उससे जुड़ी सुविधाओं एवं लाभों को गंवा देंगे, जिनमें आरक्षण भी शामिल है। हालांकि, व्यक्ति जिस किसी धर्म को अपनाएगा उसे उस धर्म में मिलने वाले फायदे प्राप्त होने की संभावना होगी। सूत्रों के मुताबिक, 'कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण विधेयक- 2021 जबरन, धोखे से, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन या विवाह आदि से धर्मांतरण को निषिद्ध करता है।
बताया जाता है कि यह 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन से पांच साल तक की कैद का भी प्रस्ताव करता है। प्रस्तावित विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि धर्मांतरण कराने के आरोपी को पीड़ित को पांच लाख रुपये तक मुआवजा देना होगा। सामूहिक धर्मांतरण के मामले में विधेयक तीन से 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव करता है।