गैंगरेप के मामले में CISF के 8 जवानों की नौकरी खत्म, कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी की बर्खास्त

गैंगरेप के एक सात साल पुराने मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीआईएसएफ के आठ जवानों को बड़ा झटका दिया है।

Update: 2022-06-22 13:53 GMT

गैंगरेप के एक सात साल पुराने मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीआईएसएफ के आठ जवानों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने इन सभी जवानों की सेवा बर्खास्तगी को उचित माना है। मामला सामने आने के बाद सीआईएसएफ ने इन सभी आठ जवानों को नौकरी से हटाते हटा दिया था। जिसके बाद यह मामला कोर्ट में चला। जहां पहले ट्रायल कोर्ट ने सभी आठ आरोपियों को आपराधिक आरोपों से बरी कर दिया था। लेकिन बाद में आरोपी जवानों की बर्खास्तगी को लेकर हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने सभी जवानों की सेवा बर्खास्तगी को सही बताया है।

मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में सीआईएसएफ द्वारा बर्खास्तगी का आदेश उचित है। बता दें कि गैंगरेप का यह मामला सात साल पुराना है। सीआईएसएफ के 8 जवानों पर यह आरोप लगा था कि इन्होंने अपने सहयोगी की पत्नी के साथ गैंगरेप किया और फिर उसे ब्लैकमेल किया। मामला 2015 का है। पीड़िता ने इस मामले में पुलिस से शिकायत की थी। जिसके बाद सीआईएसएफ ने सभी आरोपी जवानों को सेवा से बर्खास्त कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक आरोपी ने पहले पीड़िता से दोस्ती की। फिर उसके बाद अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर दुष्कर्म किया और उसे ब्लैकमेल किया था। मामला सामने आने के बाद सीआईएसएफ ने घटना को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। सीआईएसएफ की अनुशासनात्मक प्राधिकरण ने कहा था कि संगठन में अनुशासन और नैतिकता सर्वोपरि है और आरोपी द्वारा किए गए अपराध को माफ नहीं किया जा सकता है। जो घटना हुई है, उसका नकारात्मक प्रभाव पीड़िता के पति पर पड़ेगा, जो ड्यूटी पर था। जिसके बाद सीआईएसएफ ने जवानों को सेवा से हटा दिया था।
हालांकि बाद में ट्रायल कोर्ट ने सभी आठ आरोपियों को आपराधिक आरोपों से बरी कर दिया। ट्रायल कोर्ट का आदेश आने के बाद उनकी बर्खास्तगी को लेकर हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में सीआईएसएफ द्वारा बर्खास्तगी का आदेश उचित है। अब हाईकोर्ट का आदेश सामने आने के बाद सभी आरोपी जवानों की सेवा बर्खास्तगी का सीआईएसएफ का फैसला लागू रहेगा।
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