देश के आदिवासियों की पूजा और प्रथाएं, सरना धर्म को मान्यता मिले

Update: 2022-07-19 10:15 GMT

माजी ने मानसून सत्र के पहले दिन उच्च सदन में संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। उन्होंने कहा कि वह अपने राज्य के लोगों की आवाज उठाने के लिए इस मंच का उपयोग करेंगी और सरना धर्म कोड को मान्यता देने को लेकर सरकार पर दबाव भी बनाएंगी।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने सोमवार को कहा कि केंद्र को सरना को देश के आदिवासियों के धर्म के रूप में मान्यता देने की लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार करना चाहिए क्योंकि उनकी पूजा और धार्मिक प्रथाओं का अपना तरीका है।

माजी ने मानसून सत्र के पहले दिन उच्च सदन में संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। उन्होंने कहा कि वह अपने राज्य के लोगों की आवाज उठाने के लिए इस मंच का उपयोग करेंगी और सरना धर्म कोड को मान्यता देने को लेकर सरकार पर दबाव भी बनाएंगी।

'सनातन या किसी अन्य धर्म से बहुत अलग हैं आधिवासियों की धार्मिक प्रथाएं'

उन्होंने कहा, यह हमारी पार्टी की लंबे समय से लंबित मांग है। अभी तक सरकार ने इस मामले को स्वीकार नहीं किया है। माजी ने कहा कि देश के आदिवासियों की अपनी पूजा और धार्मिक प्रथाएं हैं जो सनातन (हिंदू) या किसी अन्य धर्म से बहुत अलग हैं।

उन्होंने कहा, हर समाज का अपना स्वाभिमान होता है और उन्हें लगता है कि उन्हें वैसे ही रहने दिया जाना चाहिए जैसे वे हैं। उन्होंने कहा, आदिवासी प्रकृति की पूजा करते हैं और किसी का धर्म उनपर क्यों थोपा जाए?

'महिला सशक्तिकरण और झारखंडे के लोगों के हितों की रक्षा के लिए काम करूंगी'

माजी ने कहा कि वह राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी काम करेंगी और यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगी कि जब संसद कोई विधायी कार्य करे तो झारखंड के लोगों के हितों की रक्षा हो।

उन्होंने कहा, मेरी पार्टी ने जिस उम्मीद के साथ मुझे यहां भेजा है, मैं उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करूंगी। मैं झारखंड के लोगों के हितों की रक्षा के लिए आवाज उठाऊंगी।

समाजशास्त्री और हिंदी भाषा की लेखिका माजी पिछले महीने झारखंड से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गई थीं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन ने राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा की थी।

झारखंड की महिला विंग की पूर्व अध्यक्ष माजी ने 2013 से 2016 तक झारखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। उन्होंने 2014 और 2019 में रांची से राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन तब असफल रही थीं।

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