शादी के लिए तैयार हो रही थीं महिलाएं, धुएं से भरा फ्लोर

Update: 2023-02-04 07:04 GMT

धनबाद न्यूज़: आशीर्वाद टावर में आग लगने के कारणों को लेकर अभी जांच एजेंसियां पक्के तौर पर कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हैं. वैसे आग लगने पर अपार्टमेंट के अंदर का माहौल बेहद डरवाना था. घटना के प्रत्यक्षदर्शी वे घायल हैं, जो किसी तरह बच गए. हिन्दुस्तान से बातचीत में दुल्हन की मौसी रीना एवं मौसा सुनील लाल ने भयावह मंजर की हूबहू जानकारी दी. सुनील लाल हजारीबाग के हैं. बताया कि उन्हें अपार्टमेंट के आने जाने के के रास्ते के बारे में जानकारी नहीं थी. सिर्फ लिफ्ट से आए गए थे. धुआं भरने के बाद किसी तरह ग्लास तोड़ बालकोनी में चला गया. बेहद डरावना माहौल था. बालकोनी में थोड़ी राहत मिली. फिर हाथ हिला कर इशारा किया तो आंधे घंटे की मशक्कत के बाद लोगों ने बाहर निकाला.

वहीं झरिया की रीना देवी जो रिश्ते में दुल्हन की मौसी लगती हैं. उन्होंने बताया कि जब आग की खबर मिली तो उस समय सभी महिलाएं शादी में जाने के लिए तैयार हो रही थीं. हंसी मजाक का माहौल था. फ्लैट में जगह कम थी तो कुछ महिलाएं रसाई घर में तो कुछ बाथरूम तैयार हो रही थीं. बेडरूम में छह सात महिलाएं पहले से तैयार हो रही थीं. इस वजह से रीना कपड़े बदलने के लिए किचन में चली गईं. कुछ ही देर में आवाज सुनाई दी आग लग गई.... पहले महिलाओं ने अनसुना कर दिया. कुछ देर में बाहर धुआं दिखाई दिया. भागो..भागो की जोर से आवाज आने लगी. इसके बाद आग की गंभीरता का पता चला. आनन-फानन में महिलाएं साड़ी आदि लपेट भागने की तैयारी कर ही रही थीं कि चौथे फ्लोर जहां सभी महिलाएं थीं, धुएं से भर गया. कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. रीना बोली संयोग से वह रेलिंग के पास अपने बेटे के साथ थी. रेलिंग को पकड़ लिया और ऊपर चढ़ने लगी. कुछ महिलाएं समझ नहीं पाई कि जाना किधर है. धुआं के कारण कोई किसी को देख नहीं पा रहा था. चिल्लाने की आवाज आ रही थी. कोई बताने व समझाने वाला नहीं था. सभी महिलाएं जैसे-तैसे बचने की कोशिश कर रही थी. ज्यादातर गेस्ट थी. इसलिए बहुत जानकारी नहीं थी.

इधर सुनील लाल कहते हैं कि वे अपार्टमेंट से पूरी तरह अनाड़ी थे. एक-दो बार आए थे. बस लिफ्ट से ही आए गए थे. धुएं से पूरा फ्लोर इस तरह भर गया था कि कुछ नहीं दिखाई दे रहा था. जाना किधर है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. संयोग ही कहिए कि किसी तरह बालकोनी के पास पहुंच गया. शीशा लगा था. शीशा तोड़ कर बालकोनी में चला गया. इसके बाद जान बची. पाटलिपुत्र नर्सिंग होम में कुल 20 घायल भर्ती किए गए थे. की सुबह को 15 घायलों को खतरे से बाहर बता रिलीज कर दिया गया. दोपहर बाद दो और को छुट्टी दे दी गई. यह जानकारी पाटलिपुत्र अस्पताल के डॉ निर्मल ड्रोलिया ने दी. बताया कि एक आईसीयू में है, जिनका इलाज चल रहा है.

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