शहर के कई बस स्टैंड में पानी की किल्लत, टंकी पुरानी

Update: 2023-02-25 08:00 GMT

राँची न्यूज़: राजधानी के बस स्टैंडों में पेयजल व्यवस्था और भी खराब है. शहर में चार बस स्टैंड हैं. इनमें खादगढ़ा का बिरसा मुंडा बस टर्मिनल मुख्य बस स्टैंड है, जबकि अन्य तीन बस स्टैंड सरकारी बस डिपो (एसी बस स्टैंड), आईटीआई बस स्टैंड और धुर्वा बस स्टैंड हैं. धुर्वा सबसे छोटा स्टैंड हैं.

इन सभी में पेयजल सुविधा उपलब्ध नहीं है. पानी की पुरानी टंकी भी जर्जर और बेकार हैं. बस स्टैंडों में पेयजल ही नहीं अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं. इन स्थानों से आवाजाही करनेवाले यात्री अपनी व्यवस्था खुद करते हैं.

और पानी की बोतल खरीदकर प्यास बुझा रहे हैं.

बिरसा मुंडा बस टर्मिनल खादगढ़ा के टर्मिनल के दोनों छोड़ पर पेयजल व्यवस्था उपलब्ध है. एक में पीने का पानी उपलब्ध है तो दूसरे छोर पर स्थित नल में पानी गायब नजर आया. नलें भी टूटी हुईं. यात्रियों के लिए पूरे टर्मिनल में केवल यही व्यवस्था है. यहां से आवाजाही करनेवाले यात्री से लेकर बस के स्टाफ तक पानी की बंद बोतल खरीदकर इस्तेमाल करते हैं. ओम ट्रैवल्स का स्टाफ बाबू ने बताया कि वह स्टैंड के पानी को कभी पीने के लिए इस्तेमाल नहीं करता.

बस स्टैंड में स्वच्छ और साफ पानी उपलब्ध कराना नगर निगम की जिम्मेवारी है. वैसे अधिकांश लोग आजकल पीने का पानी साथ में ही लेकर चलते हैं. लेकिन गरीब यात्रियों के लिए प्याऊ प्यास बुझाने का संसाधन है. यहां व्यवस्था में सुधार के लिए निगम से शिकायत की गई है.

-केएम सिंह, अध्यक्ष, बस ऑनर एसोसिएशन

स्टेशन रोड स्थित पुराने सरकारी बस डिपो में चल रहे एसी बस स्टैंड में पेयजल की कोई सुविधा नहीं है. यहां कंक्रीट की बनी पुरानी टंकी से पानी सप्लाई ठप है. कोरोना आगमन से पहले इसमें भी पानी सप्लाई की जाती थी, लेकिन यह भी बंद है. स्टैंड में दो कंक्रीट से बने प्याऊ उपलब्ध हैं जो कि बेकार हो गए हैं.

आईटीआई बस स्टैंड में व्यवस्था पूरी तरह से शून्य है. आईटीआई के पास नगर निगम के मैदान में स्थित स्टैंड झारखंड गठन के पहले से मौजूद है. यहां से छत्तीसगढ़ की बसें भी चलती हैं. यात्रियों के लिए पेयजल व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. पानी के लिए यहां के यात्री पास स्थित रैन बसेरा के चापाकल पर निर्भर हैं.

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