जमशेदपुर न्यूज़: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निलंबित ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम पर जहां ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है, वहीं हर रोज उनके नए कारनामे सामने आ रहे हैं. उसकी जल संसाधन विभाग के सचिव से लेकर मंत्री तक पैठ ऐसी थी कि वह वरीयता सूची में 116 रैंक पीछे होने के बाद भी बिना प्रमोशन 2009 में ही चीफ इंजीनियर बन बैठे और 13 साल तक पद पर आसीन रहे.
वहीं, वरीयता सूची में प्रथम स्थान पर 111 क्रमांक के साथ इंजीनियर नागेश मिश्र, द्वितीय स्थान पर 114 क्रमांक के साथ मुकेश कुमार, तृतीय स्थान पर 115 क्रमांक के साथ संजय कुमार, चौथे स्थान पर 125 क्रमांक के साथ राकेश कुमार, पांचवें स्थान पर 126 के साथ निरंजन, छठे स्थान पर 132 के साथ अशोक दास, सातवें पर 135 के साथ गोपालजी थे. आठवें स्थान पर 140 क्रमांक के साथ राजेश कुमार थे. जबकि वीरेंद्र राम 227 क्रमांक के साथ नौवें स्थान पर थे.
स्वर्णरेखा परियोजना में कार्यकाल का मांगा ब्योरा
अब ईडी ने स्वर्णरेखा परियोजना ईचा गालूडीह और चांडिल कांप्लेक्स में बतौर चीफ इंजीनियर के पद पर आसीन रहनेवाले वीरेंद्र राम के कार्यकाल का पूरा ब्योरा मांगा है. बताया जा रहा है कि कई ऐसे अभियंता हैं, जो वीरेंद्र राम के कार्यकाल के दौरान उनके सहयोगी के तौर पर काम करते थे. टेंडर निकाल कर उसे रद्द करना और फिर उसी टेंडर को रिटेंडरिंग कर राशि बढ़ा उसी एजेंसी को काम सौंप पैसों का बंदरबांट करने का आरोप इन इंजीनियरों पर है. राम वर्ष 2009 में ही बगैर प्रोन्नति पाये स्वर्णरेखा परियेाजना चांडिल कांप्लेक्स और ईचा कांप्लेक्स के चीफ इंजीनियर बन गये थे. 2018 में पीएन की सिंह की पोस्टिंग के बाद वीरेंद्र राम चांडिल कांप्लेक्स के चीफ इंजीनियर थे.
पंकज मिश्रा समेत तीन की पेशी आज
जेल में बंद मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, उसके सहयोगी बच्चू यादव एवं कारोबारी प्रेम प्रकाश की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त हो रही है. तीनों को ईडी कोर्ट में को पेश किया जाएगा. वहीं, प्रेम प्रकाश के खिलाफ आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई की तारीख भी निर्धारित है. मामले में पंकज मिश्रा एवं बच्चू यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिया गया है.
डीएसपी को ईडी मान रही पंकज का सहयोगी
बरहरवा के पूर्व डीएसपी प्रमोद मिश्रा को ईडी पंकज मिश्रा का सहयोगी मान रही. साहिबगंज में पोस्टेड पूर्व दरोगा निराला के बयान को ईडी आधार मान रही है. बयान में निराला ने कहा था, पंकज के कहने पर प्रमोद मिश्रा अवैध या वैध तरीकों से ही निकाले जा रहे ट्रकों से वसूली करता था. प्रमोद ने पूरा तंत्र विकसित किया था.
इसके लिए प्रमोद ने पूरा तंत्र विकसित किया था. ईडी इस मामले में प्रमोद मिश्रा को भी अनुसंधान के बाद आरोपी बना सकती है. ईडी के समन के खिलाफ प्रमोद मिश्रा झारखंड हाईकोर्ट गए हैं. इस मामले में को सुनवाई होनी है.