पशु चिकित्सक एनपीए के हकदार, हाईकोर्ट ने दिया ये निर्देश

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Update: 2022-05-15 17:47 GMT

झारखंड के पशु चिकित्सकों को नन प्रैक्टिस भत्ता (एनपीए) का हकदार मानते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को इस भत्ते के भुगतान का निर्देश दिया है। जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने सरकार को 15 अप्रैल 2021 की तिथि से इसका लाभ देने को कहा है।

सेवानिवृत्त हो चुके पशु चिकित्सकों को भी इस दिन की तिथि से गणना करते हुए उन्हें बकाया राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है। सभी को छह माह के अंदर बकाया का भुगतान करने का निर्देश दिया है। राज्य पशु चिकित्सक सेवा संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह निर्देश दिया।
झारखंड बनने के बाद 6 माह तक लाभ मिला था
प्रार्थियों के अधिवक्ता सौरभ शेखर ने कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार में पशु चिकित्सकों को एनपीए का लाभ मिलता था। झारखंड बनने के बाद 6 माह तक इन्हें लाभ मिलता रहा, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने इसे वापस ले लिया। जब बिहार में एनपीए का लाभ मिलता रहा तो झारखंड में बंद करना उचित नहीं है। अदालत को बताया गया कि इस बीच विभाग ने 2021 में कहा कि किसी भी परिस्थिति में इन्हें एनपीए का लाभ नहीं मिलेगा। प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि नियमानुसार कैडर आवंटन के बाद राज्य में काम करने वाले कर्मियों की सेवा शर्त में बदलाव नहीं किया जा सकता, जिससे उनका नुकसान हो। बिहार कैबिनेट ने एनपीए देने का निर्णय लिया था। झारखंड में बिना कैबिनेट के निर्णय के ही नहीं देने का फैसला विभाग कैसे ले सकता है।
इसपर राज्य सरकार की ओर से बताया कि पशु चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस पर कोई रोक नहीं है, इसलिए इन्हें एनपीए का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा इसे सेवा शर्त नहीं माना जा सकता है। यह एक प्रकार का भत्ता है। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि सेवा शर्त के अनुसार पशु चिकित्सक एनपीए के हकदार हैं। इस कारण सरकार को उन्हें उस तिथि से इसका भुगतान करना होगा जिस तिथि से इस पर रोक लगायी गयी है।
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