बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर में दुष्कर्म पीड़िता की मां को साजिश रच कर जेल भेजने के मामले पर बढ़ा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को सर्व ब्राह्मण समाज ने रैली निकाली और कलेक्ट्रेट का घेराव किया, साथ ही जमकर नारेबाजी भी की। इस मामले में भाजपा नेता की भूमिका भी सामने आई है जिस पर पार्टी ने उसे निलंबित कर दिया है।
रतनपुर में पिछले दिनों एक बालिका से दुष्कर्म हुआ और उस मामले में आफताब नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। उसके बाद से आफताब से जुड़े लोग पीड़िता की मां पर समझौता करने के लिए दबाव बनाने लगे और यह भी आरोप है कि महिला को प्रलोभन दिया गया। इतना ही नहीं है एक आवेदन तैयार किया गया, जिसमें उस महिला से दस्तखत भी कराए गए।
उसके बाद पीड़ित की मां पर आरोपी पक्ष के लोगों ने मिलकर एक 10 साल के बच्चे के जरिए यौन शोषण का आरोप लगाया जिस पर उस महिला को जेल भेज दिया गया। इस मामले में भाजपा के एक नेता की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई, क्योंकि जिस युवक पर बालिका से दुष्कर्म का आरोप और महिला पर जिस बच्चे ने यौन शोषण का आरोप लगाया है, दोनों ही उसके रिश्तेदार हैं। इसके बाद से रतनपुर में विरोध प्रदर्शनों का दौर चल रहा है। जेल भेजी गई महिला की रिहाई को लेकर रविवार को भीड़ ने बाजार बंद कराया और हंगामा भी किया है। इसी क्रम में सोमवार को सर्व ब्राह्मण समाज के लोग सड़कों पर उतरे और उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन व घेराव भी किया।
प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी सौरभ कुमार से पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है, वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रारंभिक तौर पर कलेक्टर ने माना है कि पुलिस से भूल हुई है। रतनपुर के थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया जा चुका है वहीं पूरे जांच के लिए एक समिति बनाई गई है।
रतनगढ़ कांड में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री हकीम मोहम्मद की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने उन्हें सभी पदों से मुक्त करते हुए निलंबित कर दिया है साथ ही सात दिनों के भीतर उनसे जवाब मांगा गया है। हकीम पर आरोप है कि उन्होंने राजनीतिक दबाव कि चलते पीड़िता की महिला पर बच्चे के यौन शोषण का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। उसी के चलते महिला जेल में है। बालिका से दुर्व्यवहार करने वाला युवक और जिस बच्चे ने आरोप लगाया है वह हकीम का रिश्तेदार बताया जा रहा है।