जमशेदपुर न्यूज़: लोन वालों के तकादे से परेशान मानगो रोड नम्बर-15 के रहने वाले दीपक कुमार (17) ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. शाम दीपक बिना कुछ खाए कमरे में चला गया. आमतौर पर वह कमरे को अंदर से बंद कर लेता था, लेकिन सुबह परिजनों ने दरवाजा खुला देखा. वे दीपक को खोजते हुए अंदर गए. कमरे में उसकी लाश फंदे से लटकी मिली. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया और पिरजनों को सौंप दिया.
दीपक की मामी सुशीला सिंह ने बताया कि कई फाइनेंस कंपनियों के एजेंट और सूद-ब्याज वाले लोग लगातार दीपक से तकादा कर रहे थे. यह उधार दीपक के माता-पिता ने लिया था. तकादा बढने लगा तो वे लोग मकान छोड़कर बोड़ाम स्थित अपने पैतृक गांव चले गए. जब तकादा वालों ने उन्हें फोन किया तो बोले कि कर्ज की अदायगी उनका बेटा करेगा.
कर्ज भरने के लिए कम उम्र में करने लगा था काम सुशीला सिंह ने बताया कि दीपक माता-पिता द्वारा लिए गए कर्ज को अदा करने के लिए कम उम्र में ही बर्तन दुकान में काम करने लगा. वहां से मिलने वाले रुपयों से वह धीरे-धीरे लिए गए कर्ज का ब्याज चुका रहा था. पिछले एक हफ्ते से लगातार दबाव बनने के कारण वह मानसिक रूप से परेशान हो गया था. उसे दाईगुट्टू और समतानगर के दो सूद-ब्याज कारोबारी कुछ दिनों से धमकी दे रहे थे. पैसा नहीं देने पर मकान में ताला बंद कर कब्जे में लेने की बात कह रहे थे. इससे दीपक काफी परेशान हो गया था. उसे बर्तन दुकान में काम करने पर जो भी पैसा मिलता था, उससे वह कर्ज का ब्याज दे देता था. चार-पांच दिनों से कई लोगों का उसके घर पर आना शुरू हो गया था.
सोनारी थाना अंतर्गत भारत सेवाश्रम संघ स्कूल के हॉस्टल में छठी कक्षा के छात्र दुबलिया कोड़ा (13) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना की सूचना पाकर स्कूल प्रबंधन ने तत्काल उसे फंदे से उतारा और इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.
घटना की जानकारी स्कूल प्रबंधन ने तुरंत छात्र के परिजनों को दी. सूचना पाकर परिजन जमशेदपुर पहुंचे. छात्र के परिजन पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा प्रखंड के आराहासा गांव के रहने वाले है. पिता लाल सिंह कोड़ा खेती-बाड़ी कर जीवन यापन करते है. लाल सिंह कोड़ा ने बताया कि बेटा बीते दो साल से उक्त स्कूल में रहकर पढ़ाई कर रहा था.
इधर, स्कूल प्रबंधन ने बताया कि जिस समय घटना हुई उस समय सभी बच्चे भोजन करने गए हुए थे. वापस आने पर उन्हें रूम बंद मिला. दरवाजा तोड़ने पर भीतर छात्र पंखे में धोती के सहारे लटका हुआ था. आनन-फानन में उसे निचे उतार कर अस्पताल ले जाया गया.