सेवानिवृत्त मेजर समेत दो को दो साल की सजा

Update: 2023-04-03 10:50 GMT

राँची न्यूज़: सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने 14 साल पुराने भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा मामले में सरस्वती सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक सेवानिवृत्त मेजर राम कैलाश पुरी(75) को दोषी पाकर दो साल कैद की सजा सुनाई है. इसी मामले में सीसीएल पिपरवार एरिया के सिक्योरिटी अधिकारी सुरेंद्र राय(70) को भी दो साल की सजा दी गई है. दोनों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

इस मामले में दोनों के खिलाफ सीबीआई ने 30 जून 2008 में प्राथमिकी दर्ज की थी. तफ्तीश के बाद सीबीआई ने 30 जून 2009 को चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें मेजर राम कैलाश पुरी ने सुरेंद्र राय की मिलीभगत से सीसीएल के पिपरवार क्षेत्र में सिक्योरिटी नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का आरोप सही पाया गया. इससे सीसीएल को लगभग एक करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था. मामले में सुनवाई को दौरान सीबीआई की ओर से लोक अभियोजक रवि कुमार ने 62 गवाहों को प्रस्तुत किया था. अभियुक्त मेजर ने सुरक्षा कर्मियों की झूठी तैनाती दिखाने एवं सुरक्षा कर्मियों का न्यूनतम 90 फीसदी भूतपूर्व सैनिक श्रेणी के मानकों का पालन नहीं किया.

उसने फर्जीवाड़े करके सीसीएल से भूतपूर्व सैनिकों की तैनाती का दावा करते हुए वेतन प्राप्त किया. यह तैनाती मार्च 2006 से दिसंबर 2007 की अवधि में की गई थी. इस प्रकार दोनों अभियुक्तों ने सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के उल्लंघन कर स्वयं के लाभ के लिए अवैध कमाई की थी. इसका खुलासा संयुक्त औचक निरीक्षण में हुआ था.

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