हाईवे पर खड़े ट्रक स्कूली बच्चों के लिए जानलेवा, बच्चों को डरकर रोड करना पड़ता है पार
जमशेदपुर न्यूज़: तीन बजे पारडीह चौक इलाका में पारडीह मध्य विद्यालय से बच्चों की छुट्टी होती है. स्कूल से हाईवे पर आने वाली सड़क के पूर्वी छोर पर तीन ट्रक हाईवे पर एक के बाद एक खड़े हैं. इससे बच्चों को काली मंदिर की तरफ से आने वाले भारी वाहन दिखाई नहीं दे रहे हैं. वे डरते-डरते हाईवे पर आते हैं.
ये बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर सड़क पार होते हैं वहां से महज 50 मीटर की दूरी पर ट्रैफिक पुलिस हेलमेट की जांच करती है. पुलिस को बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट के वाहन तो नजर आते हैं लेकिन हादसे को दावत देने वाले भारी वाहन उन्हें नहीं दिखते. यह स्थिति सिर्फ पारडीह ही नहीं, बल्कि डिमना चौक, बालीगुमा के के स्कूलों की भी है.
पहले बच्चे इन स्कूलों से अपने घर आना-जाना कर लेते थे लेकिन हाईवे के फोर लेन में तब्दील होने के बाद भारी वाहनों के उनकी सड़क के मुहाने पर खड़ा होने के चलते बच्चों को लेने अभिभावकों को आना पड़ता है. हाईवे पर पारडीह से लेकर बालीगुमा तक 8 सरकारी से लेकर निजी विद्यालय हैं. सुबह छात्रों की आवाजाही हाईवे के उन रास्तों से होती है, जहां भारी वाहन तेज रफ्तार में सड़कों पर दौड़ते हैं. लोगों का कहना है कि स्कूली वाहन हाईवे के तरफ निकलने वाले रास्तों से आते हैं और हाईवे पर सीधे उतरते हैं. उन सड़कों के मुहाने पर ही भारी वाहन चालक अपनी गाड़ियों को खड़ी कर देते हैं. ऐसे में जब स्कूली वाहन हाईवे की तरफ आने वाली सड़कों से यहां पहुंचते हैं तो दूसरी तरफ से आने वाले भारी वाहन जिनकी रफ्तार काफी तेज होती है, उनकी नजर उनपर नहीं पड़ती, जिसके चलते हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की और बताया कि भारी वाहनों के चालक सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी कर या तो आराम करने चले जाते हैं या फिर चाय-नाश्ते के लिए रुक जाते हैं. ऐसे खड़े होने वाले वाहनों से ही हादसा होते हैं. हाईवे के दो स्थानों पर यातायात पुलिस द्वारा चेकिंग की जाती है.
लेकिन पारडीह से लेकर डिमना चौक के बीच कभी ट्रैफिक पुलिस भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती. इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है.