एमजीएम अस्पताल के गलियारे में इलाज, मरीजों की जान पर शामत

Update: 2023-02-18 12:48 GMT

जमशेदपुर न्यूज़: एमजीएम अस्पताल के गायनिक वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण गलियारे में अतिरिक्त बेड लगाया गया है. गलियारे में बाथरूम के पास की पूरी दीवार में पानी का रिसाव होता है और इसी दीवार से सटा कर मरीजों का बेड लगा हुआ है. बेड के ऊपर बिजली के तार और बॉक्स झूल रहे हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. दीवार में पानी रिसाव होने से उसमें करंट आ सकता है.

मरीजों के सिर पर बिजली के तार लटके हुए हैं. अगर मरीज बेड पर खड़े हो जाये तो तार और बॉक्स सिर में सट जाएगा. इस ओर अस्पताल प्रबंधन का ध्यान नहीं है. गलियारे में 15 से अधिक बेड लगाए गए हैं. उसमें जच्चा-बच्चा दोनों भर्ती होते हैं. इसके अलावा गलियारे की खिड़कियों में कांच और दरवाजा तक नहीं है. पर्दा लगाकर ग्रिल को ढंका गया है, ताकि ठंड न लगे.

ब्ोड से ज्यादा मरीज रोज होते हैं भर्ती लेबर रूम में 31 और गायनिक वार्ड में 77 बेड है, लेकिन हर दिन बेड से ज्यादा मरीज यहां भर्ती होते हैं. इस कारण गलियारे में अतिरिक्त बेड लगाया गया, ताकि मरीजों को जमीन पर इलाज करने की नौबत नहीं आए. गलियारा वार्ड में सुविधा के नाम पर बेड छोड़ कर कुछ भी नहीं है. यहां भर्ती मरीजों को मौसम की मार भी झेलनी पड़ती है.

मॉनीटरिंग के अभाव में व्यवस्था हो रही खराब

● गलियारे में लगे15 से अधक बेड पर जच्चा-बच्च दोनों हो रहे भर्ती

● दीवार में पानी का होता है रिसाव, कभी भी हो सकता है हादसा

● खिड़कियों में कांच और दरवाजे तक नहीं, पर्दा से ढंका गया

मॉनीटरिंग के अभाव में एमजीएम अस्पताल की व्यवस्था बेपटरी हो रही है. अस्पताल प्रशासक सह एडीएम नंदकिशोर लाल के कार्यकाल में मरीजों से जुड़ी छोटी-छोटी चीजों की मॉनीटरिंग होती थी, लेकिन उनके तबादले के बाद अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ने लगी है. हालांकि, एसडीओ को अस्पताल प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गयी है, लेकिन अस्पताल में पूर्व की तरह व्यवस्था नहीं है.

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