Topchanchi : 30 जंगली हाथियों ने अंबाडीह गांव मचाया उत्पात, घरों को तोड़ा
Topachanchiतोपचांची : चितरपुर पंचायत के पहाड़ की तलहटी में बसे अंबाडीह गांव में शनिवार देर रात 30 जंगली हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया. हाथियों ने दस ग्रामीणों के घरों और तीन के चारदिवारी को तोड़ दिया. इतना ही नहीं हाथियों ने खेतों में लगे फसलों को रौंद डाला. हाथियों ने एक महिला को भी घायल कर दिया. घायल महिला की पहचान बिमला देवी के रूप में हुई है. हाथियों के इस उत्पात से ग्रामीणों को लाखों का नुकसान हुआ है. हाथियों का झुंड अभी भी वाटर बोर्ड के पास की पहाड़ी के पास डेरा डाले हुए हैं. इसकी वजह से ग्रामीण दहशत में है. क्योंकि हाथी कभी भी गांव में आकर उत्पात मचा सकते हैं.
वन विभाग की टीम समय पर नहीं पहुंची गांव, ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का झुंड रात करीब 10 बजे गांव में आया और जमकर तांडव मचाया. हाथियों के तांडव की सूचना वन विभाग को दी गयी. इसके बावजूद वन विभाग की टीम समय पर गांव नहीं पहुंची. वन विभाग की टीम के समय पर नहीं पहुंचने से ग्रामीणों को काफी आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का झुंड अहले सुबह करीब 3 बजें गांव से निकलकर पहाड़ी की तरफ चला गया. इसके बाद वन विभाग की टीम मशाल लेकर गांव पहुंची. इधर घटना के बाद जेबीकेएसएस के अध्यक्ष जयराम महतो पीड़ित परिजनों से मिलने अंबाडीह गांव पहुंचे. उन्होंने गांव का मुआयना किया. साथ ही पीड़ित परिजनों को मुआवजा राशि दिलाने का आश्वासन दिया. उन्होंने घटना से संबंधित अधिकारियों को फोन में बात कर जानकारी भी दी.
वन विभाग नहीं देता मुआवजा राशि और सहयोग
इधर ग्रामीण महिला केसिया देवी ने बताया कि पिछले वर्ष भी हाथियों के झुंड ने ग्रामीणों के फसल व घर को नुकसान पहुंचाया था. लेकिन वन विभाग ने किसी को भी मुआवजा राशि नहीं दी. उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम अभी तक नुकसान की जानकारी लेने नहीं आयी है. अगर जानकारी लेकर चले भी गये तब भी किसी को मुआवजा राशि और सहयोग नहीं करने वाले. जानकार बताते हैं कि वन्य प्राणी अगर ग्रामीणों के फसल, घर और अन्य चीजों को नुक़सान पहुंचाते हैं तो उक्त ग्रामीण को मुआवजा राशि देने का प्रवधान है. अगर हाथियों ने किसी ग्रामीण के घर को थोड़ा सा ही नुकसान पहुंचाया हो, फिर भी उसे पूरे घर की मुआवजा राशि मिलती है.
हाथियों ने ग्रामीणों के घरों को पहुंचाया नुकसान
फागू महतो के करकट के घर को ध्वस्त कर दिया. घर का दरवाजा, खिड़की सहित वहां रखे सारे सामान तोड़ डाले. घर पर रखे 250 किलो चावल और 100 किलो आलू भी चट कर गये. बगान में लगे मकई के फसल को भी रौंद डावा. फागू महतो की पत्नी मालती देवी ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी.
शिवदयाल महतो के घर के दरवाजे को तोड़कर हाथी घर में घुसा. उस वक्त शिवदयाल का बेटा सचिन महतो घर के अंदर ही था. ग्रामीणों ने काफी सूझ-बूझ के साथ बच्चे को घर से बाहर निकला. हाथियों ने खेत में लगे फसलों को भी बर्बाद कर दिया.
बैजनाथ महतो के मिट्टी के घर को तोड़ दिया. घर में रखे पचास किलो चावल, बगान में लगे अरहर, मक्का और मिर्च की फसल को बर्बाद कर दिया. हाथियों ने जिस वक्त बैजनाथ के घर पर हमला बोला, उस वक्त उनकी दिव्यांग पत्नी खेतकी देवी और 14 वर्षीय बच्ची लक्ष्मी कुमारी घर पर थी.दोनों की किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी.
दिनेश कुमार महतो के घर के पीछे की दीवार को तोड़कर हाथी घर में घुसे और घर को धवस्त कर दिया. बागान में लगे फसलों को भी रौंद डाला. हाथियों ने जिस वक्त हमला बोला था, उस वक्त दिनेश कुमार महतो अपनी पत्नी और दो बच्चे के साथ छत पर सोये थे. सभी ने छत से कूदकर अपनी जान बचायी. इस दौरान उनकी पत्नी बिमला देवी के पैर में चोट लग गयी.
गायत्री देवी के घर की दीवार और बाथरूम को तोड़ दिया. हाथियों ने जिस वक्त घर पर हमला किया, उस वक्त गायत्री देवी और उसके दो बच्चे अंदर थे. वह किसी तरह दोनों बच्चे को लेकर वहां भागी और जान बचायी.
शांति देवी के घर को तोड़कर घर में रखी साइकिल और गैस सिलेंडर को तोड़ दिया. फसलों को भी बर्बाद कर दिया. घर में दो बच्ची थी, दोनों ने किसी तरह से भागकर अपनी जान बचायी.
केवल महतो का घर तोड़ा और फसलों को बर्बाद कर दिया. दीनू महतो की चारदीवारी को तोड़कर फसल को बर्बाद किया.
खगेश्वर महतो के घर का दरवाजा-खिड़की को तोड़ दिया. साथ ही फसलों को भी बर्बाद कर दिया.
शोभा राम महतो के घर की दीवार को तोड़ दिया. दीवार के टूटने से गेट और बाइक भी टूट गया.
इसके अलावा सुखदेव महतो के घर के पीछे की दीवार को भी हाथियों ने ध्वस्त कर दिया.
मुकेश कुमार महतो के घर को तोड़कर पचास किलो चावल, आटा, तेल, मसाला, घर के बर्तन और चौकी को तोड़ दिया. साथ ही फसलों को बर्बाद कर दिया.