धनबाद: शहर के धैया रानीबांध तालाब के पास जलजमाव से निपटने के लिए नगर निगम और पथ निर्माण विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. मंगलवार को नगर आयुक्त सत्येन्द्र कुमार, सहायक नगर आयुक्त प्रकाश कुमार एवं कार्यपालक पदाधिकारी मो. अनीस धैया पहुंचे. उन्होंने जलभराव का कारण जाना। जांच में पता चला कि सड़क किनारे की जमीन का अतिक्रमण कर नाले पर ही कई दुकानें बना ली गयी हैं. एक-दो दुकानदारों ने नाली पर ही पक्का निर्माण कर लिया है। नगर आयुक्त के निर्देश पर अतिक्रमण हटाया गया और नाले की सफाई करायी गयी. जांच में यह भी पता चला कि आईएसएम गेट के पास पुलिया को भी नीचे से बंद कर दिया गया है, जिससे पानी की निकासी बंद हो गयी है. आईआईटी प्रबंधन द्वारा बनाई गई सड़क पर तीन हाइवे डस्ट डालकर ऊंचा किया गया। मुख्य सड़क ऊंची होने के कारण इस सड़क पर बारिश का पानी जमा हो जाता था.
नया विवाद: जल निकासी के लिए पाइप बिछाने का विरोध
इधर, पथ निर्माण विभाग ने स्थानीय लोगों से बात की और उन्हें पाइप के सहारे बारिश के पानी को तालाब के किनारे तक ले जाने के लिए राजी किया. आरसीडी ने कहा कि मुख्य सड़क से भूमिगत पाइप बिछाकर सड़क पर जमा पानी को निकालने की व्यवस्था की जा सकती है. स्थानीय लोगों की सहमति मिलने के बाद आरसीडी की टीम तालाब के किनारे पहुंच कर मेढ़ की मापी की, ताकि जल निकासी के लिए भूमिगत पाइपलाइन बिछायी जा सके. मापी का काम शुरू होने से पहले ही एक नया विवाद सामने आ गया. जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका ने मापी जा रही जमीन को अपनी बताया। उन्होंने उस जमीन पर पाइप बिछाने पर आपत्ति जताई. चैंबर अध्यक्ष की आपत्ति के बाद आरसीडी की टीम वहां से लौट गयी.