ट्रेनिंग कराने वालों ने 50 प्रतिशत को ही दिलाया काम

Update: 2023-04-24 12:21 GMT

जमशेदपुर न्यूज़: उपायुक्त विजया जाधव ने जिले में विगत एक वर्ष में स्किल ट्रेनिंग पार्टनर्स के द्वारा औसतन 50 फीसदी बच्चों का ही प्लेसमेंट किए जाने पर निराशा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि जितने भी बच्चे ट्रेनिंग पा चुके हैं उसकी लिस्ट दें. उनके नियोजन को लेकर जिला में स्थित कंपनियों से बात की जाएगी. उन्होंने कहा है कि प्रत्येक बैच में 4 एससी, 46 एसटी युवक-युवतियों का होना अनिवार्य है. उन्होंने ये बातें जिले के सभी स्किल ट्रेनिंग पार्टनर्स के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक कर सेंटर की गतिविधियों की जानकारी लेने के बाद कहीं.

उपायुक्त ने कहा कि ट्रेनिंग सेंटर्स को बाजार की मांग के अनरूप ट्रेड बदलने की आवश्यकता है. मार्केट की क्या डिमांड है, ट्रेनिंग पार्टनर्स पहले इसे समझें. वैसे प्लेसमेंट का कोई मतलब नहीं रह जाता जहां बच्चे 4-5 महीने की नौकरी के बाद वापस अपने घर में बैठ जा रहे हैं. इससे पूर्व उपायुक्त ने ट्रेनिंग सेंटर के बैच कैसे बन रहे, क्षमता के मुताबिक बच्चे आ रहे हैं या नहीं, पिछले एक वर्ष में प्लेसमेंट में क्या उपलब्धि है इसकी जानकारी ली. उपायुक्त ने बैठक में मौजूद 15 ट्रेनिंग पार्टनर्स से बारी-बारी से उनके क्रियाकलापों को समझा. बैठक में डीआरडीए निदेशक सौरभ सिन्हा, जिला कौशल पदाधिकारी बम बैजू भी मौजूद रहे. उपायुक्त ने कहा कि प्लेसमेंट के लिए जमशेदपुर के आसपास वैसे जगहों को प्राथमिता में रखें, जहां से बच्चे एक रात में बस की यात्रा से घर पहुंच सकते हैं.

इससे लंबे समय तक नौकरी में टिके रहने की संभावना बढ़ेगी. लड़कियों या लड़कों का किस ट्रेड में ज्यादा मन लगता है, इसे देखें. जेंडर स्पेसिफिक ट्रेड होना चाहिए.

शासन के संसाधनों का सदुपयोग करें

विजया जाधव ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षित बेरोजगार युवाओं को हुनरमंद बनाने तथा उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए काफी संवेदनशीलता से कार्य कर रही है जिसमें स्किल ट्रेनिग पार्टनर्स की भी महती भूमिका है. उन्होंने कहा कि तीन चीजों ट्रेड का प्रचार-प्रसार, काउंसिलिंग और प्लेसमेंट पर फोकस करें. बच्चों या उनके अभिभावकों की काउंसिंलिग में कोई समस्या आ रही हो तो शासन-प्रशासन के संसाधनों का सदुपयोग करें. जन प्रतिनिधियों की मदद लें.

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